कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमण से बचाव के लिये क्या कहता है रिसर्च?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव के लिये गाइडलाइन्स जारी की हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड-19 एक बार फिर अपना पैर पसार रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना से बचाव के लिये गाइडलाइन्स जारी की हैं और लोगों से अनिवार्य रूप से मास्क लगाने को कहा है. हम में से ज्यादातर लोग कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्या कपड़े से बना मास्क कोरोना संक्रमण से बचाव में कारगर है? एक हालिया अध्ययन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कपड़े से बना मास्क कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमण से बचाव के लिये काफी नहीं है. मैसाचुसेट्स के तीन सबसे बड़े शहरों (बोस्टन, वॉर्सेस्टर और स्प्रिंगफील्ड) ने इनडोर मास्क को जरूरी बताया है और इसे लगाने का आदेश दिया गया है.
कपड़े के मास्क नहीं हैं असरदार
वॉर्सेस्टर मेडिकल डायरेक्टर और यूमास मेमोरियल हेल्थ में बाल चिकित्सा ट्रॉमा के निदेशक डॉ. माइकल हीर्श ने कहा कि कपड़े के मास्क या कोई कपड़ा चेहरे से बांधने से ओमिक्रोन से बचा नहीं जा सकता है. आपके पास एक अच्छा मास्क होना चाहिए.
इस तरह करें ओमीक्रोन से बचाव
ज्यादातर हेल्थ एक्सप
र्ट्स का मानना है कि ओमिक्रोन से बचने के लिए N95 और KN95 मास्क बेहतर हैं. यह आपकी ज्यादा सुरक्षा करते हैं. इसके अलावा, सर्जिकल मास्क को भी असरदार माना गया है, लेकिन अगर आप इसे डबल करके पहनते हैं तो ही इसका लाभ मिलेगा.
माइकल हीर्श ने कहा कि कोविड-19 से बचने के लिए सबसे बेहतर तरीका है कि आप अपनी आंखों पर ग्लासेस लगाएं और चेहरे पर मास्क पहनें. इसके अलावा वैक्सीन की तीसरी डोज भी जरूर लगवाएं.
क्या कहती है रिसर्च?
वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक ग्राफिक के अनुसार अगर कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति और साधारण व्यक्ति को साथ में N95 मास्क पहनाकर बैठा दिया जाए, तो यह मास्क 25 घंटे की सुरक्षा देगा और ओमिक्रोन से बचाएगा. दूसरी ओर सर्जिकल मास्क केवल एक घंटे तक की सुरक्षा दे सकता है.सोमवार को, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, गॉव चार्ली बेकर ने कहा कि KN95 85% प्रभावी पाए गए हैं.