वीनस विलियम्स, लुइस हैमिल्टन, नोवाक जोकोविक, कायरी इरविंग (बास्केटबॉल) और अलेक्स मॉर्गन (फुटबॉल) खेलों की दुनिया में ऐसी कुछ बड़ी हस्तियां हैं जिन्होंने प्लांट- बेस्ड डाइट को अपनाकर अपने प्रदर्शन में सुधार किया। कई रिसर्च से पता चला है कि भले ही ऐसे डाइट के लाभ ठोस नजर नहीं आते, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन एथलीटों के अनुभव बेहद खास रहे हैं।
दरअसल, प्लांट-बेस्ड फूड्स तनाव से जूझने वाले मॉर्डन एथलीटों के लिए चमत्कारी कार्य करते हैं। दिल के लिए फायदेमंद होने के अलावा, यहां ऐसे कुछ और कारण बताए जा रहे हैं कि क्यों यह आहार वैश्विक तौर पर लोकप्रिय हो रहा है।
प्लांट – बेस्ड डाइट के फायदे
1. इसमें मीट की तुलना में ज्यादा प्रोटीन होता है।
2.यह खिलाड़ियों, खासकर साहसी एथलीटों के दिल से संबंधित स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह कार्डियोवास्कुलर हेल्थ को स्वस्थ बनाता है, जो किसी भी खिलाड़ी के प्रदर्शन को सुधारने में बड़ा योगदान देता है।
3.अपने एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इनफ्लेमेटरी गुणों की वजह से प्लांट- बेस्ड फूड जैसे सोया मिल्क, ओट मिल्क, डेयरी-मुक्त योगर्ट और वेगन चीज जैसे फूड चोट तथा मांसपेशी संबंधित समस्याओं से तेजी से उबरने में मददगार होते हैं। पौधों में एंटी-ऑक्सीडेंट सूजन से राहत दिलाने में कारगर होते हैं।
4. इनमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होने की वजह से मांसपेशियों और लीवर में ग्लाइकोजेन के संचयन में मदद मिलती है, जिससे कड़ी ट्रेनिंग या एक्सरसाइज के दौरान काफी एनर्जी मिलती है।
इसके अलावा पौधे से संबंधित फूड्स में नाइट्रेट्स की भरपूर मात्रा होती है। उपयुक्त नाइट्रेट से एथलीट के नाइट्रिक ऑक्साइड स्तर में सुधार आता है, जिससे खून का गाढ़ापन बढ़ जाता है और बल्ड सर्कुलेशन में भी तेजी आती है। ब्लड के बेहतर तरीके से चलने से एक्सरसाइज या मुकाबले के दौरान खिलाड़ी की ताकत और एनर्जी बनी रहती है। इसके अलावा इससे दिल को स्वस्थ बनाए रखने और मांसपेशियों को अच्छी स्थिति में रखने में मदद मिलती है। खिलाड़ियों को इंजरी के बाद फिट होने में भी ज्यादा टाइम नहीं लगता है।