Period का बहुत कम होना, हो सकता है ये बीमारियां

Update: 2024-08-21 09:23 GMT
हेल्थ टिप्स Health Tips: अगर आपका वजन ज्यादा है, तो गर्भधारण करने में भी आपको मुश्किल हो सकती है और प्रेग्नेंसी के दौरान भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादा वजन के साथ थायरॉइड, पीसीओडी और प्रेग्नेंसी के कारण होने वाला उच्च रक्तचाप जैसी समस्या ज्यादा आम होती है। मोटापे की शिकार महिलाओं के बच्चे का वजन भी जन्म के वक्त कम होता है और ऐसी महिलाओं का प्रसव सिजेरियन होना बहुत आम बात है। आपका वजन ज्यादा है और इससे जुड़ी चुनौतियां आपको
मालूम
हैं, तो गर्भधारण करने से पहले अपने वजन को सही आहार और नियमित व्यायाम की मदद से कम करने की कोशिश करें। इस काम में हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स और विशेषज्ञों की मदद लें। गर्भावस्था के दौरान कोशिश करें कि आपके वजन में कम-से-कम इजाफा हो। कुछ सतर्कता बरतने से मां बनने का यह सफर आपके लिए थोड़ा आसान हो सकता है, पर इसके लिए जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से इस विषय के बारे में खुल कर बात करें और उनसे जरूरी परामर्श लें।
पीरियड के दौरान कम ब्लीडिंग होना और बार-बार पीरियड आना कई चीजों का संकेत हो सकता है। इनमें हार्मोनल असंतुलन, प्रोलैक्टिन और थायरॉइड के स्तर में वृद्धि और पीसीओएस प्रमुख हैं। जेनाइटल टीबी की वजह से भी पीरियड से जुड़ी यह समस्या होती है। Ultrasound करवाने से यह जानने में मदद मिलेगी कि पीरियड कम आने के लिए कोई और कारण तो जिम्मेदार नहीं है। अपने खानपान में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करने और वजन को ठीक करने से इस समस्या में फर्क पड़ सकता है। अगर आपका वजन बहुत कम या फिर बहुत ज्यादा है, तो दोनों ही स्थिति में यह पीरियड को प्रभावित कर सकता है। वजन और खानपान के मामले में बदलाव लाने के साथ ही डॉक्टरी परामर्श जरूरी लें। डॉक्टर विभिन्न टेस्ट की मदद से कारण जानने और हल तलाशने में आपकी मदद करेंगे।
50 साल या उससे ज्यादा उम्र में पीरियड का अनियमित होना सामान्य है। इस उम्र में अनियमित पीरियड इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आप प्री-मेनोपॉज के दौर में पहुंच चुकी हैं। हॉट फ्लैशेज यानी अचानक से बहुत तेज गर्मी लगाना और पसीना आना, नींद के पैटर्न में बदलाव आना, ऊर्जा के स्तर में बदलाव, हड्डियों में दर्द, वजाइना में रूखापन, सेक्स की इच्छा न होना आदि प्री-मेनोपॉज के आम लक्षण हैं। अमूमन ये सब प्री-मेनोपॉज के लक्षण होते हैं, पर कभी-कभार किसी और परेशानी का संकेत भी हो सकते हैं। एक बार डॉक्टरी परामर्श जरूर ले लें। यह परेशान होने वाले लक्षण नहीं हैं, जब तक कि आपको कोई और बीमारी ना हो।
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