शरीर की अंदरूनी सफाई करने के लिए, इन आयुर्वेदिक तरीकों से करें अपने शरीर को डिटॉक्स
खराब जीवन शैली, आदतों और आहार के कारण कई बार बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में शरीर की अंदरूनी सफाई के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक तरीके भी अपना सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अस्वस्थ खाने की आदतें, तनाव, प्रदूषण, धूम्रपान, शराब का सेवन और कम शारीरिक गतिविधि से दिमाग और शरीर पर बुरा असर पड़ता है. लंबे समय तक लापरवाही से डायबिटीज, थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर आदि स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. शरीर को स्वस्थ और साफ रखने के लिए आप कुछ आसान तरीके भी अपना सकते हैं. आप आयुर्वेदिक डिटॉक्स अपना सकते हैं. आयुर्वेदिक डिटॉक्स से आपको अपना शरीर स्वस्थ करने में मदद मिल सकती है. ये शरीर की आंतरिक रूप से सफाई करते हैं. आइए जानें आप शरीर को डिटॉक्स करने के लिए कौन से आयुर्वेदिक तरीके अपना सकते हैं.
नेति और नस्य
नेति और नस्य प्राचीन आयुर्वेदिक अभ्यास हैं. ये श्वसन तंत्र को मजबूत करने, साइनस को खोलने, बलगम को हटाने और प्राणायाम (श्वास व्यायाम) में मदद कर सकते हैं. नेति को करने के लिए, आपको एक नेति पॉट की आवश्यकता होती है, जो एक लंबे टोंटी वाले छोटे चायदान के जैसा दिखता है और आमतौर पर सिरेमिक से बना होता है. नेति बर्तन से, आपको नाक के एक ओर से पानी डालना और दूसरे से निकालना होता है. नस्य नाक की शक्ति को बढ़ाने के लिए अच्छा होता है. इसमें नाक में नस्य तेल डाला जाता है. नस्य तेल तिल के तेल, जैतून, सूरजमुखी के तेल और जैविक जड़ी-बूटियों जैसे सौंफ, शंख पुष्पी, ब्राह्मी, नीलगिरी आदि का मिश्रण होता है.
धौति
धौती क्रिया का अभ्यास सुबह-सुबह खाली पेट कर सकते हैं. इससे गले, दांत और पेट को साफ करने के लिए किया जाता है. ये प्रक्रिया विषाक्त पदार्थों ( Toxins) से छुटकारा पाने के लिए पेट साफ करने का एक तरीका है. ये एसिडिटी को कम करने, फूड एलर्जी और अस्थमा जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करती है. धौती क्रिया करने से शरीर का प्राकृतिक संतुलन बना रहता है और अत्यधिक पित्त और कफ आदि जैसी चीजें दूर रहती हैं.
ऑयल पुलिंग
ऑयल पुलिंग एक आयुर्वेदिक ऑरल हेल्थ तकनीक है जो मसूड़े की सूजन और कैविटी को रोकने, सांस को बेहतर बनाने और दांतों को सफेद करने में मदद करती है. इसके लिए आप नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रेश करने से पहले कुछ समय के लिए एक बड़ा चम्मच तेल लें. इसे अपने मुंह में रख कर कुछ देर के लिए घुमाएं और बाहर निकाल दें. दांतों के अलावा, ऑयल पुलिंग से नींद की समस्याओं, मुंहासे और साइनस को कम करने में भी मदद मिलती है.
कपालभाती
कपालभारती फेफड़ों और गुर्दे में सुधार करने के लिए एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक अभ्यास है. ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है. नाक से श्वास लेने और छोड़ने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ने, कब्ज, साइनस, डायबिटीज, ब्लड शुगर, हृदय की समस्याओं, हर्निया को ठीक करने और पूरे शरीर को सही संतुलन में लाने में मदद करता है.