खाद्य तेलों के दाम में इस तरह आया उछाल, बीते एक साल में इतने बढ़ गए दाम

सरकार को वैसे लोगों पर पर जल्द से जलछ कार्रवाई करनी चाहिए।

Update: 2021-05-17 04:59 GMT

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सब्जियों, फलों, दालों के साथ खाद्य तेल की महंगाई आम लोगों को कमर तोड़ने का काम कर रही है। हालात ये हैं कि पिछले एक साल में पाम ऑयल के दाम लगभग दोगुना से अधिक बढ़ गए हैं।

देश में पैकेटबंद फूड जैसे बिस्कुट, बेकरी प्रोडक्ट, साबुन, तेल, चॉकलेट, स्वीट और दूसरी चीजों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। लिहाजा इनके दाम भी जल्द बढ़ सकते हैं। भारत में होटलों, रेस्तरां में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। वैसे सिर्फ पाम ऑयल ही महंगा नहीं हुआ है बल्कि सरसो, राइस ऑयल, तिल समेत सभी तेल के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में सरसों को तेल (पैक्ड) दो महीने में 147 रुपये से बढ़कर 176 रुपये प्रति किलो हो गया है। मई 2020 में पाम ऑयल की कीमत 76 रुपये प्रति किलो थी लेकिन एक साल बाद ही इसके कीमत दोगुना हो गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी का असर
खाद्य तेल के कारोबार से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमत आसमान छू रही है, जिसके चलते भारत में भी कीमत बढ़ी है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल चीन भी बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार से खाद्य तेल खरीद रहा है, जिसके चलते दाम बढ़ गए हैं। खाद्य तेल की महंगाई भी लोगों के लिए आफत बनती जा रही है। वहीं, बाजार सूत्रों का कहना है कि खाद्य तेल की जमाखोरी से कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।
खाद्य तेलों के दाम में इस तरह आया उछाल
खाद्य तेल कीमत (15 मई, 2020) कीमत (15 मई, 2021)
सरसों तेल 132 176
वनस्पति तेल 106 139
सोया तेल 121 158
सूरजमुखी तेल 132 196
मूंगफली तेल 178 196
स्रोत: उपभोक्ता मामले विभाग (मूल्य निगरानी डिवीजन)
कीमत: प्रति किलो दिल्ली में
पेट्रोल और रसोई गैस ने भी बढ़ाया बोझ
कोरोना काल में सिर्फ खाद्य वस्तुएं ही नहीं बल्कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की ऊंची कीमत ने भी बोझ बढ़ाने का काम किया है। देश में कई जगह पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार निकल चुकी है। वहीं, रसोई गैस की कीमत प्रति सिलेंडर करीब 900 रुपये हो गई है।
दाल के भाव 15 दिन में ही तेजी से बढ़े
दाल के भाव 15 दिन में इसमें बड़ा इजाफा देखने को मिला है। खुदरा बाजार में अरहर की दाल करीब 100 रुपये प्रति किलोग्राम से 150 रुपये बिक रही है। इसी प्रकार उड़द की दाल का भाव बीते 15 दिन में 115 रुपये से बढ़कर 170 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी है। मसूर की दाल का भाव 70 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब 90 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। अंडे के भाव में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कालाबाजारी को रोके सरकार
कोराना संकट के बीच महंगाई रसोई का बजट बिगाड़ रहा है। हिन्दुस्तान ने दिल्ली, पटना, लखनऊ समेत ग्रामीण इलाकों की गृहणियों से बात की तो उन्होंने बताया कि खाद्य तेल, फल, सब्जियों व दालों सहित रसोई में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं। कीमतें आसमान छूने लगी हैं। कोई भी दाल सौ रुपये से कम प्रति किलो नहीं मिल रही है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना से आय घटने से घर चलाना मुश्किल हो रहा है। गृहणियों का मनना है कि कीमत में बढ़ोतरी के पीछे जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोग हैं। सरकार को वैसे लोगों पर पर जल्द से जलछ कार्रवाई करनी चाहिए।


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