बेहद लाभकारी होती है ये जड़ी बूटी Manjistha, जाने उपयोग के तरीके

Update: 2024-08-11 13:25 GMT
हेल्थ टिप्स Health Tips: खानपान की गड़बड़ी से स्वास्थ्य की बीमारियों के अलावा शरीर में कई प्रकार के विकार सामने आते रहते है इसके लिए अंग्रेजी दवाईयों का सेवन तो हम कर लेते है लेकिन किसी भी बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए आयुर्वेदिक की जड़ी-बूटियां कारगर होती है। इसमें ही आज हम आपको मंजिष्ठा की बहुगुणकारी जड़ी-बूटी के चमत्कारी गुण के बारे में बता रहे है जो खून को साफ करने के साथ ही कई बीमारियों से बचाने में मदद करती है।
जानिए कैसे करना चाहिए मंजिष्ठा सेवन
यहां पर शरीर की कई बीमारियों से बचने के लिए आप मंजिष्ठा का सेवन कर सकते है। इसे लेकर तरीके बताए गए है जिनके बारे में Information होना जरूरी है..
मंजिष्ठा जड़ी-बूटी को आप पाउडर या कैप्सूल, टेबलेट के रूप में सेवन कर सकते है। इसे लेने के लिए आप दूध या पानी किसी का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए आप 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम मंजिष्ठा पाउडर की खुराक प्रतिदिन के हिसाब से ले सकते है। इसका सेवन करने से पहले आपको यह ध्यान देना जरूरी है कि, पहली बार में धीरे-धीरे कम खुराक का ही सेवन करें।
ज्यादा सेवन बढ़ा देती है ये परेशानियां
यहां पर अगर आप मंजिष्ठा जड़ी-बूटी का सेवन अधिक मात्रा में कर लेते है तो कई बीमारियां पनपने लगती है। इसमें आपको अधिक मात्रा में करने से दस्त, पेट दर्द और उल्टी हो सकती है, मंजिष्ठा का सेवन कई प्रकार के साइ़ड इफेक्ट्स बढ़ा देते है। इसके अलावा अगर आप इस जड़ी बूटी का सेवन करते है तो इसके साथ किसी प्रकार की दवा नहीं लेनी चाहिए नहीं तो इसका खराब प्रभाव देखने के लिए मिलता है।
जानिए क्या होते हैं मंजिष्ठा जड़ी-बूटी सेवन के फायदे
यहां पर मंजिष्ठा के सेवन के फायदे होते है जिनके बारे में आपको जान लेना जरूरी है जो इस प्रकार है…
1- इस मंजिष्ठा जड़ी-बूटी का सेवन करने से शरीर डिटॉक्स अच्छी तरह से हो जाता है, इसमें एलर्जी और त्वचा से जुड़े रोग हो जाते है।
2- इस जड़ी-बूटी का सेवन करने से त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो जाती है जिसमें मुंहासे, फोड़े-फुंसी की समस्याएं देखने के लिए मिलती है।
3-अगर आप इस जड़ी बूटी का सेवन करते है तो, पेट और अपच की समस्याएं हो जाती है।
4-इस जड़ी-बूटी का सेवन करने से डायबिटीज की समस्याओं में राहत मिलती है। इस समस्या में Blood Sugar के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
5- यकृत को स्वस्थ रखने में मदद करती है, पीलिया और यकृत विकारों में लाभकारी है.
6- मूत्र संबंधी समस्याओं जैसे कि मूत्र संक्रमण और पथरी में राहत देती है।
7- रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है, जिससे शरीर संक्रमणों से लड़ने में सक्षम होता है।
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