लाइफस्टाइल: मैंगोस्टीन एक स्वादिष्ट फल है, जो खाने में खट्टा मीठा स्वाद का होता है। इस फल में कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। इसके पोषक तत्व के कारण इसकी मांग दुनिया भर में है। लेकिन सभी जगह आसानी से नहीं पाए जाने के कारण बहुत से लोग आज भी इस फल से परिचित नहीं हैं। मैंगोस्टीन के फल में फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। यह फल कई तरह के स्वास्थ्य गुणों से भरपूर है और इसके सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और कई बीमारियों को ठीक करने में भी लाभदायक है।
मैंगोस्टीन फल के बारे में?
मैंगोस्टीन एक उष्णकटिबंधीय फल है, जिसका स्वाद खाने में खट्टा मीठा होता है। जिस प्रकार आम को फलों का राजा कहा जाता है, वैसे ही मैंगोस्टीन को फलों की रानी कहा जाता है। मैंगोस्टीन का बाहरी रंग बैंगनी और भीतरी रंग सफेद होता है। अलग-अलग भाषा में इस फल को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी भाषी लोग इस फल को मैंगोस्टीन कहते हैं, तो बंगाल में इसे 'काओ' कहा जाता है और गुजराती में मैंगोस्टीन को 'कोकम' कहा जाता है।
कैसे खाया जाता है मैंगोस्टीन का फल
मैंगोस्टीन का दुर्लभ फल हर कहीं आसानी से नहीं मिलता साथ ही, जहां यह फल मिलता है वहां यह गर्मियों के मौसम में ही आता है। एशिया मार्केट में इस फल की उपलब्धता बहुत होती है। इस फल के बैंगनी छिलके को निकालकर फेंक दिया जाता है और ऊपर के सफेद गूदे को खाया जाता है, जो कि खाने में खट्टा मीठा लगता है। इस फल (फल खरीदने के टिप्स) का सेवन वैसे तो सभी कर सकते हैं, लेकिन यदि किसी को कोई शारीरिक बीमारी है तो वह पहले डॉक्टर से परामर्श लें फिर ही इस फल का सेवन करें। इस फल का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए नहीं तो कई तरह के स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।
मैंगोस्टीन एक मौसमी फल है जो गर्मी के मौसम में आता है। यह फल सभी क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होता है इसलिए इसका मजा केवल गर्मियों में विशेष जगह पर ही लिया जा सकता है। कैंसर जैसी जटिल बीमारी के इलाज के लिए इस दुर्लभ फल मैंगोस्टीन का उपयोग किया जाता है। त्वचा संबंधी कई तरह के रोग में इस फल का उपयोग किया जाता है।