वायु प्रदूषण से हो रहे फेफड़ों के नुकसान को दर्शाते है ये लक्षण

Update: 2023-06-25 11:05 GMT

इंसान की बीमारी जब तक नासूर ना बन जाए तब तक उसे उसकी गंभीरता नहीं समझ आती है। हमारे फेफड़ों के लिए यह वाकया सटीक बैठता है। फेफड़ों की दिक्कत से जुड़े वॉर्निंग साइन अगर समय रहते पहचान लिए जाएं तो बड़ी आफत को टाला जा सकता है। आज कल वायु प्रदूषण बड़े स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) जैसे इलाकों में जहरीली हवा से जूना दूभर हो गया है। जैसे जैसे सर्दी बढ़ती जाती है। वायु प्रदूषण और बढ़ता जाता है। ऐसे में इसके प्रति सावधान रहना बेहद जरूरी है। लंबे समय तक खांसी बलगम बना रहे तो उसे बिल्कुल भी इग्नोर न करें।

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस बीमारी का ज्यादा खतरा बना रहता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के फेफड़े छोटे होते हैं। वो सिगरेट या अन्य तरह के धुएं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को बढ़ाने में एस्ट्रोजन भी एक मुख्य भूमिका निभाता है। दवाइयों, ऑक्सीजन.थेरेपी आदि से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।

हल्दी

फेफड़ों को प्रदूषण के जहरीले प्रभाव से बचाने के लिए हल्दी काफी फायदा करती है। इसकी वजह ये है कि इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण और यौगिक करक्यूमिन होते है। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली फेफड़ों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और खांसी से राहत पाने के लिए रात को सोते समय गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना चाहिए।

सेब

हेल्दी फेफड़ों के लिए रोजाना सेब का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विटामिन फेफड़ों को हेल्दी बनाए रखते हैं। एक शोध के मुताबिक फेफड़ों के लिए विटामिन-ई, सी, बीटा कैरोटीन और खट्टे फल काफी अच्छे माने जाते हैं।

हरी सब्जियां

हरी पत्तेदार सब्जियां स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। हरी सब्जियां, धनिए के पत्ते, चौलाई का साग, गोभी और शलगम में विटामिन के तत्व पाए जाते हैं। इससे फेफड़ों को काफी मजबूती मिलती है। इतना ही नहीं प्रदूषण से होने वाली परेशानियों से भी बचाने में कारगर है।

शहद

खांसी और गले में खराश होने की समस्या उत्पन्न होती है। इससे राहत पाने के लिए आप रात को सोने से पहले या दिन में शहद का सेवन कर सकते हैं। शहद को काली मिर्च पाउडर और भुने हुए अदरक के साथ भी खा सकते हैं।

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