मैदा से हो सकती हैं ये दिक्कतें
मोमोज बनाने के लिए मैदा का इस्तेमाल होता है और इसकी पूरी बनाकर इसमें फिलिंग की जाती है. मैदा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने की वजह से शरीर में शर्करा का स्तर बढ़ सकता है जिससे डाइबिटीज़ होने की संभावना रहती है. इसके साथ ही मैदा के सेवन से आपको एसिडिटी की दिक्कत भी हो सकती है. वहीं मैदा का सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज़्म कमज़ोर हो सकता है और पाचन क्रिया गड़बड़ हो सकती है. इतना ही नहीं मैदा शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल की मात्रा को बढ़ाती है. साथ ही कब्ज की दिक्कत को भी बढ़ा सकती है. मैदा में स्टार्च भी बहुत होता है इसलिए इसके ज्यादा सेवन से वजन बढ़ने की दिक्कत भी हो सकती है.
मोमोज की स्टफिंग बढ़ा सकती है ये दिक्कतें
वेजिटेबल मोमोज में बंदगोभी, शिमला मिर्च, गाजर और सोयाबीन की स्टफिंग की जाती है, तो वहीं नॉनवेज मोमोज में चिकिन की फिलिंग की जाती है. इन चीजों को न तो सही से धोया और साफ़ किया जाता है और न ही इनको अच्छी तरह से पकाया जाता है. इतना ही नहीं इनकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं होती है, जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. साथ ही इन लो क्वालिटी की सब्जियों में ई-कोलाई नामक बैक्टीरिया पाया जाता है जिसकी वजह से आपको संक्रमण होने का खतरा रहता है. अकसर बंदगोभी में टेपवॉर्म कीड़ा होने की संभावना भी होती है और बंदगोभी अगर अच्छी तरह से पकी न हो तो इस कीड़े के आपके मस्तिष्क तक पहुंचने की संभावना भी बनी रहती है, जो आपके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
लाल मिर्च की चटनी दे सकती है ये दिक्कतें
मोमोज के स्वाद को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए जिस लाल चटनी को आप चटकारे लेकर खाते हैं उसमें लाल तीखी मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. इसके रोज़ाना या ज्यादा सेवन से आपको न केवल पाईल्स की दिक्कत हो सकती है बल्कि हार्टबर्न और एसिडिटी की दिक्कत भी हो सकती है. इसके साथ ही पेट में जलन, डायरिया और टिश्यूज में सूजन आने जैसी दिक्कत होने की संभावना भी बनी रहती है. अगर किसी को अस्थमा या सांस संबंधी कोई बीमारी है तो लाल मिर्च का सेवन उसकी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है साथ ही अस्थमा के अटैक के खतरे को भी बढ़ा सकता है.