इन गलतियों के कारण होते है पैरों से जुड़ी problems

Update: 2024-08-13 12:29 GMT
हेल्थ टिप्स Health Tips: 40 के बाद फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि ज्यादातर बीमारियों का अटैक इसी एज में होना शुरू हो जाता है। हाई बीपी और डायबिटीज के साथ ही हड्डियों की डेंसिटी कम होने लगती है। जिसकी वजह से ज्वाइंट्स में दर्द होने लगता है। कई बार तो फिटनेस रूटीन को स्ट्रिक्टली फॉलो करने के बाद भी पैरों में दर्द की शिकायत रहती है। खासतौर पर ये समस्या 40 की उम्र पार करने के दौरान ये दर्द बढ़ जाता है। जिसकी वजह
 Fitness Routine
 की कुछ गलत आदते हैं। जिन्हें छोड़ देने में ही भलाई है।
लेग्स की ओवरट्रेनिंग
बहुत सारे फिटनेस फ्रीक लोग पैरों की एक्सरसाइज पर ज्यादा ध्यान देते हैं और ओवर ट्रेनिंग करने लगते हैं। जिसकी वजह से पैरों में थकान, कमजोरी, चोट और मांसपेशियों में खिंचाव हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि अपने शरीर की सुनें और चोट लगने या दर्द होने पर पैरों को राहत दें। नहीं तो ये समस्या उम्र के साथ बढ़ सकती है।
स्ट्रेचिंग ना करना
फिटनेस फ्रीक लोगों के लिए कॉर्डियो और वेट लिफ्टिंग सबसे अहम एक्सरसाइज होती है। लेकिन फिट रहने के लिए और एक्सरसाइज शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग सबसे जरूरी है। ये बिल्कुल बेसिक एक्सरसाइज होती है जिसे अधिकतर लोग स्किप कर देते हैं और हल्के में लेते हैं। लेकिन स्टडी के मुताबिक स्ट्रेचिंग ना केवल चोट और मसल्स में खिंचाव से बचाता है बल्कि शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को मेंटेन करता है।
कठिन एक्सरसाइज करना
फिटनेस को मेंटन करने के लिए रनिंग बहुत अच्छी एक्सरसाइज है। लेकिन 40 के बाद हाई इंटेसिव एक्सरसाइज करने से बचें। इसमे रनिंग भी शामिल है। दौड़ने से पैरों और घुटनों पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इसलिए रनिंग के लिए अच्छे रनिंग शूज के साथ ही अच्छे Jogging ट्रैक की भी जरूरत होती है। इसे इग्नोर करना पैरों की सेहत पर असर डालता है।
ना करें पैरों के दर्द को इग्नोर
अगर शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा है तो उसे इग्नोर ना करें। पैरों में दर्द है तो वर्कआउट को छोड़कर किसी प्रोफेशनल से सलाह लें और इस दर्द को ठीक करने का काम करें। मसल्स की चोट को ठीक करना जरूरी है नहीं तो ये फ्यूजर में दर्द को बढ़ा सकती है।
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