शुभ होते है ये फूलों के पौधे

Update: 2023-04-02 17:51 GMT
ज्योतिष और वास्तु के अनुसार हमारे जीवन को सुगंध और सुंदरता प्रभावित करती हैं। सुगंध जहां हमारे दिमाग को शांत करती हैं वहीं यह हमारे भाग्य को बदलने की या कहें कि किस्मत को चमकाने की क्षमता भी रखती है। सुगंध से यदि आपके जीवन से संताप मिट जाएंगे तो निश्चत ही आपकी किस्मत के ताले खुद ब खुद खुल जाएंगे। इसीलिए घर आंगन में लगाएं इन 7 फूलों के पौधे।
1. पारिजात का फूल- पारिजात के फूल आपके जीवन से तनाव हटाकर खुशियां ही खुशियां भर सकने की ताकत रखते हैं। पारिजात के ये अद्भुत फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते वे सब मुरझा जाते हैं। यह माना जाता है कि पारिजात के वृक्ष को छूने मात्र से ही व्यक्ति की थकान मिट जाती है। इन फूलों को खासतौर पर लक्ष्मी पूजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन केवल उन्हीं फूलों को इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आप पेड़ से टूटकर नीचे गिर जाते हैं। यह फूल जिसके भी घर-आंगन में खिलते हैं, वहां हमेशा शांति और समृद्धि का निवास होता है।
2. रातरानी के फूल- इसे चांदनी के फूल भी कहते हैं। रातरानी के फूल मदमस्त खुशबू बिखेरते हैं। इसकी खुशबू बहुत दूर तक जाती है। इसके छोटे-छोटे फूल गुच्छे में आते हैं तथा रात में खिलते हैं और सवेरे सिकुड़ जाते हैं। रातरानी के फूल साल में 5 या 6 बार आते हैं। हर बार 7 से 10 दिन तक अपनी खुशबू बिखेरकर बहुत ही शांतिमय और खुशबूदार वातावरण निर्मित कर देते हैं।
जिसकी भी नाक में इसकी सुगंध जाती है, वह वहीं ठहर जाता है। इसकी सुगंध सूंघते रहने से जीवन के सारे संताप मिट जाते हैं। रातरानी और चमेली के फूलों का इत्र भी बनता है। रातरानी और चमेली के फूलों से महिलाएं गजरा बनाती हैं, जो बालों में लगाया जाता है। रातरानी का पौधा एक सदाबहार झाड़ी वाला 13 फुट तक हो सकता है। इसकी पत्तियां सरल, संकीर्ण चाकू जैसी लंबी, चिकनी और चमकदार होती हैं। फूल एक दुबला ट्यूबलर जैसा साथ ही हरा और सफेद होता है।
3. जूही के फूल- जूही की झाड़ी अपने सुगंध वाले फूलों के करण बगीचों में लगाई जाती है। जूही के फूल छोटे तथा सफेद रंग के होते हैं और चमेली से मिलते-जुलते हैं। फूल वर्षा ऋतु में खिलते हैं। इसकी सुगंध से मन और मस्तिष्क के सारे तनाव हट जाते हैं और यह वातावरण को शुद्ध बना देता है।
4. रजनीगंधा- रजनीगंधा का पौधा पूरे भारत में पाया जाता है। मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल से सितम्बर तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जून से सितम्बर माह में फूल निकलते हैं। रजनीगंधा की तीन किस्में होती है। रजनीगंधा के फूलों का उपयोग माला और गुलदस्ते बनाने में किया जाता है। इसकी लम्बी डंडियों को सजावट के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है।
5. केवड़ा- केवड़ा या केतकी यूं तो यह एक बेहतरीन खुशबू का फूल है तथा इसके इत्र की तासीर ग्रीष्म में तन को शीतलता प्रदान करती है। केवड़े के पानी से स्नान करने से शरीर की जलन व पसीने की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलता है। गर्मियों में नित्य केवड़ायुक्त पानी से स्नान करने से शरीर में शीतलता बनी रहती है। केवड़ा का उपयोग इत्र, पान मसाला, गुलदस्ते, लोशन तम्बाखू, केश तेल, अगरबत्ती, साबुन में सुगंध के रुप में किया जाता है। केवड़ा तेल का उपयोग औषधि के रूप में सरदर्द और गठियावत में किया जाता है।
Tags:    

Similar News

-->