ग्वारपाठे के यह 8 उपयोग दिलाएंगे मधुमेह से छुटकारा

Update: 2024-04-16 08:59 GMT
डायबिटीज होने पर शरीर में प्रर्याप्त मिरलस और विटामिन का संतुलन तालमेल जरूरी है। नियमित खाना, समय पर सोना, तरल पदार्थ मिनरलस का संतुलन, डाईट चार्ट जरूरी है। जैसा की आप जानते हैं की आयुर्वेद में ग्वारपाठे के बहुत उपयोग है, आइये जानते है कैसे हम ग्वारपाठे का उपयोग कर मधुमेह से छुटकारा पा सकतें है
ताजे आंवले (Amla) का रस 4 चम्मच और ग्वारपाठे का गूदा 10 ग्राम खाली पेट लेने से मधुमेह की बीमारी में आराम मिलता है। हमेशा ताज़ा एलोवेरा का ही इस्तेमाल करें
करेले का रस 2 चम्मच एवं ग्वारपाठे का गूदा 10 ग्राम मिलाकर सुबह खाली पेट लेने से मधुमेह की बीमारी में आराम मिलता है
नीम की कोंपलें 10 पत्ते और ग्वारपाठे का गूदा 20 ग्राम सुबह-सुबह खाली पेट खाने से खून साफ होता है तथा शुगर नियंत्रण में आ जाती है।
जामुन की गुठली 10 ग्राम, गुड़ 10 ग्राम और सोंठ 5 ग्राम। तीनों को बारीक चूर्ण के रूप में लें। इन्हें ग्वारपाठे के रस में अच्छी तरह मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर फिर इसकी चने के समान गोलियाँ बनाकर दिन में 2 बार 1-1 गोली खाएँ। इससे ब्लड में शूगर की मात्रा धीरे-धीरे कम होती जाती है।
एक कच्चा केला और ग्वारपाठा 10 ग्राम मिलाकर खाने से मधुमेह में लाभ होता है।
मूंगफली का आटा एवं ग्वारपाठे का गूदा मिलाकर रोटी बना लें। 10-10 ग्राम की मात्रा में खाने से मधुमेह का ठीक हो जाता है।
सदाबहार पौधे की 4-5 पत्तियों के साथ-साथ 2-2 चम्मच ग्वारपाठे का सेवन करें तो मधुमेह रोग मिट जाता है।
बेलपत्र के 4 पत्तों को पीसकर ग्वारपाठे के गूदे के साथ सेवन करने से मधुमेह में शीघ्र लाभ होता है।
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