मानसून में होती है ये 7 तरह की एलर्जी, ऐसे रखें खुद को सुरक्षित

मानसून में होती है ये 7 तरह की एलर्जी

Update: 2022-07-14 05:22 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बारिश (monsoon) का मौसम यूं तो बड़ा सुहाना लगता है और बारिश में भीगना भी बच्चों से लेकर बड़ों तक को खूब पसंद होता है। लेकिन यही बारिश कई सारी बीमारियां लेकर आती है। जिससे बच्चे तो बच्चे बड़े भी बहुत परेशान रहते हैं। इन दिनों बदलते मौसम के चलते बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है। डेंगू मलेरिया से लेकर थ्रोट इनफेक्शन खूब हो रहे हैं। ऐसे में बारिश में किन बीमारियों का खतरा (infections during rainy season) सबसे ज्यादा रहता है और इससे हमें कैसे बचना चाहिए। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं...

बारिश में क्यों होता है ज्यादा बीमारियों का खतरा
किसी भी अन्य मौसम की तुलना में बारिश के मौसम में बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण होने का जोखिम दो गुना अधिक होता है। हवा में मौजूद नमी हानिकारक सूक्ष्म जीवों को पनपने में मदद करती है, जिसके चलते संक्रमण होते हैं।
थ्रोट इंफेक्शन
इन दिनों जो संक्रमण तेजी से फैल रहा है उसमें गले में सबसे पहले खराश होती है और आपके गले को ही इनफेक्ट करती है। इसमें आपको गले में खुजली, दर्द और खाना या पानी निगलने में तकलीफ आदि हो सकती है। इससे बचने के लिए आप रोज सुबह हल्दी वाला गुनगुना पानी पिए। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो गले के इन्फेक्शन को खत्म करते हैं।
सर्दी जुखाम
इस मौसम में सबसे आम वायरल बीमारियों में से एक सर्दी और फ्लू है। हम अपनी कितनी भी रक्षा कर लें, हम सभी इस मौसम में कम से कम एक या उससे ज्यादा बार बीमार पड़ते हैं। ऐसे लोगों के सीधे संपर्क में न आएं जो सर्दी और फ्लू है। अगर परिवार के किसी सदस्य के पास है, तो अलग तौलिये, बर्तनों का उपयोग करें और अपने हाथों को बार-बार धोएं।
स्किन इंफेक्शन
बारिश के दिनों में त्वचा से संबंधित समस्याएं भी बहुत ज्यादा होती हैं। इसमें ना सिर्फ चेहरे पर कील मुंहासे आदि होते हैं, बल्कि खोपड़ी की त्वचा भी इनफेक्टेड हो जाती है। बारिश के दिनों में चिपचिपे और तैलीय बाल होने से डैंड्रफ का खतरा बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में इस दौरान स्किन इन्फेक्शन से बचने के लिए आप नहाते समय अपने बाल्टी में एक ढक्कन डेटॉल डालें। इससे त्वचा संबंधी संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके अलावा स्किन पर क्रीम और ऑयल बेस्ड प्रोडक्ट की जगह वाटर या जल बेस प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
इन्फ्लुएंजा
बारिश के दिनों में इन्फ्लूएंजा फैलने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। यह वायरस हवा के जरिए आपके शरीर में प्रवेश करता है और श्वसन नली को प्रभावित करता है। इनफ्लुएंजा वायरस होने से आपको गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर दर्द, छाती में दर्द, स्किन का नीला पड़ना आदि समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह के किसी भी लक्षण नजर आने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हैजा या डायरिया
बारिश के दिनों में पानी गंदा आता है। जिसके चलते हैजा या डायरिया होने की समस्या हो सकती है। इसमें आपको उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन, शरीर में ऐंठन की समस्या हो सकती है। ऐसे में बारिश के दिनों में बाहरी फूड और बाहर का पानी पीने से बचें। जितना ज्यादा हो सके आप घर का खाना खाएं और उबला पानी पीने।
डेंगू मलेरिया
बारिश के दिनों में जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाने से डेंगू के मच्छर सबसे ज्यादा पनपते हैं और इस दौरान डेंगू मलेरिया होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। जो काफी घातक भी होता है। इसमें तेज बुखार, बदन दर्द, और शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है। इससे बचने के लिए आप घर के आसपास पानी इकट्ठा ना होने दें। टंकियों को समय-समय पर साफ करते रहे और शाम के समय खिड़की दरवाजे बंद रखें, ताकि मच्छरों का प्रदेश घर पर ना हो।
टाइफाइड
टाइफाइड दूषित पानी से होने रोग है और मानसून के मौसम में आम है। इसमें मरीज को तेज बुखार हो सकता है और त्वचा पीली हो सकती है। इतना ही नहीं इससे आपका लीवर प्रभावित हो सकता है। टाइफाइड से बचने के लिए साफ पानी जरूर पिएं। जहां भी जाएं अपनी पानी की बोतल ले जाने की कोशिश करें।


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