ये 6 आदतें दिमाग को अंदर से कर देती हैं खोखला

अंदर से कर देती हैं खोखला

Update: 2023-10-04 10:54 GMT
सही तरीके से जिंदगी गुजारने के लिए ब्रेन का फिट रहना जरूरी है। क्योंकि यही वो पार्ट है जो शरीर के फंक्शन को कंट्रोल में रखता है। हर मोड़ पर फैसला लेने के लिए आपको दिमाग की ही जरूरत पड़ती है। ऐसे में इसका खास ख्याल रखना जरूरी होता है। हालांकि हमारी रोजाना की कुछ खराब आदतें हैं जिसकी वजह से आपका दिमाग अंदर से खोखला हो सकता है। आइए नजर डालते हैं उन आदतों पर।
ब्लू लाइट
मोबाइल फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट ना सिर्फ आंखों के लिए खतरनाक है बल्कि इससे आपका कॉग्निटिव फंक्शन भी प्रभावित हो सकता है। दरअसल सोते वक्त जब आप फोन का इस्तेमाल करते हैं तो इससे निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन यानी की स्लीपिंग हार्मोन को प्रभावित करती हैं इससे नींद में गड़बड़ी होती है और नींद का खराब पैटर्न याददाश्त में कमजोरी,चिड़चिड़ापन, तनाव, जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
स्ट्रेस
स्ट्रेस आपकी मेंटल हेल्थ को बुरी तरह से प्रभावित करता है। तनाव लेने से कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ सकता है। ये हार्मोन याददाश्त (कमजोर याददाशत को ऐसे करें तेज) को बुरी तरह से प्रभावित करता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से आपको याददाश्त से जुड़ी बीमारी हो सकती है। तनाव लेने से आप डिप्रेशन में भी जा सकते हैं।
नींद की कमी
कम नींद लेने से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता है। इस कारण ब्रेन सेल्स कमजोर हो जाते हैं। नींद की कमी से प्रोटेक्टिव प्रोटीन की मात्रा काफी कम हो जाती है जिससे डिमेंशिया (इस विटामिन की कमी के चलते होती है भूलने की बीमारी) और अल्जाइमर रोग का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है।
अकेलापन
अकेलापन आपके दिमाग को खोखला कर सकता है। अकेलापन आपको भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाता है आप अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं कर पाते हैं। इससे चिड़चिड़ापन और तनाव बढ़ता है। नकारात्मक सोच आप पर हावी होती है।
ज्यादा मीठा खाना
जरूरत से ज्यादा मीठा खाने से ना सिर्फ आपको डायबिटीज (इन टिप्स से करें डायबिटीज को मैनेज) की शिकायत होती है बल्कि आपका दिमाग भी कमजोर हो सकता है। दरअसल जब ब्लड शुगर का स्तर ज्यादा होता है उनका मस्तिष्क अच्छी तरह से काम नहीं कर पाता है इससे भूलने की बीमारी हो सकती है।
एक्सरसाइज न करना
दिमाग को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक्सरसाइज की जरूरत होती है। ऐसे में जब आप कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं तो ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर कम होती है इससे बौधिक क्षमताएं कम होती है।
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