शोध में बड़ा खुलासा : बढ़ते ओजोन स्तर से युवाओं में Heart Attack का खतरा

नई दिल्ली: प्रदूषण और बदलते पर्यावरणीय कारकों का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हाल ही में हुई शोधों में यह बात सामने आई है कि वायुमंडलीय ओजोन स्तर (Ozone Level) में वृद्धि से युवाओं में हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद ओजोन गैस हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है, जिससे युवाओं में दिल का दौरा (Cardiac Arrest) और हृदय रोगों का खतरा बढ़ गया है।
कैसे बढ़ता ओजोन स्तर हृदय को नुकसान पहुंचाता है?
ब्लड प्रेशर बढ़ाता है – वायुमंडल में मौजूद ओजोन गैस रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकती है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) की समस्या हो सकती है।
ऑक्सीजन की कमी – ज्यादा ओजोन लेवल से फेफड़ों और हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
सूजन और ब्लड क्लॉटिंग – ओजोन के संपर्क में आने से शरीर में सूजन (Inflammation) बढ़ सकती है, जिससे ब्लड क्लॉटिंग की संभावना रहती है और दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती है।
दिल की धड़कन पर असर – लंबे समय तक ओजोन प्रदूषण में रहने से हृदय की धड़कन अनियमित (Arrhythmia) हो सकती है, जिससे हार्ट फेल होने का खतरा रहता है।
किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?
30-45 वर्ष के युवा
हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीज
धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले लोग
लगातार प्रदूषित हवा में रहने वाले लोग
दिल को सुरक्षित रखने के उपाय
प्रदूषण वाले इलाकों में मास्क का उपयोग करें
सुबह-सुबह भारी एक्सरसाइज करने से बचें, क्योंकि उस समय ओजोन स्तर ज्यादा होता है
हरी सब्जियां, फल और हेल्दी डाइट लें ताकि हृदय मजबूत बना रहे
रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें
धूम्रपान और शराब से दूर रहें
बढ़ते प्रदूषण के कारण युवाओं में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और प्रदूषण से बचाव करके हम अपने दिल की सुरक्षा कर सकते हैं।