बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए जरुरी हैं ये 5 बातें

Update: 2023-07-22 13:48 GMT
लाइफस्टाइल: बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं है लेकिन इतना मुश्किल भी नहीं है. बस उनके साथ रहने और उन्हें समझने की जरुरत है लेकिन कैसे आप अपने बच्चे में संस्कार डालें आइए जानते हैं.
बच्चे की परवरिश करना आसान नहीं होता. यूं तो आपको समाज में हर दूसरा इंसान ज्ञान देता है कि बच्चा कैसे पालें लेकिन हर बच्चे का स्वभाव अलग होता है. घर में आप जिस तरह का व्यवहार या माहौल रखते हैं उसका असर आपके बच्चे पर नज़र आता है. लेकिन कई बार दोनों माता-पिता जब वर्किंग होते हैं तो इसका प्रभाव बच्चों पर अलग तरह से पड़ता है. बच्चों में संस्कार देना जरुरी है लेकिन उससे ज्यादा जरुरी है उनको दूसरों की इज्जत करना सीखाना. लेकिन कई बार लाख कोशिशों के बाद भी आपके बच्चे चिड़चिड़े, बिगड़ेल या बदजुबान बन जाते हैं. इसके कारण को आप समझें उससे पहले बात आपके हाथ से निकल जाती है. ऐसे में आप अपने बच्चे को कैसी परवरिश दे रहे हैं इस पर सवाल खड़ा हो जाता है. तो आप अगर अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें आपका बच्चा अच्छा बच्चा बनेगा.
बच्चों को अनुशासन कैसे सिखाएं
बच्चों में अनुशासान बेहद जरुरी होता है. लेकिन सिर्फ बच्चों में ही नहीं बड़ों में भी ये उतना ही जरूरी होता है आप जो करते हैं उसे देखकर ही बच्चा सब सीखता है. तो छोटी-छोटी बातों पर अगर आप बच्चे को अनुशासन सिखाते हैं तो इससे उसके जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. जैसे बच्चे ने अगर खेला है तो उसके बाद वो अपने खिलौने खुद संभाले, रात को अपना स्कूल बैग तैयार करे, पढ़ने के समय पढ़ाई और खेलने के समय खेल करे. इससे बच्चे का मानसिक विकास भी सही तरह से होता है.
बच्‍चे से उसके दिन के बारे में पूछें
बच्चा भले ही आपके साथ सारा दिन रहता हो या आप वर्किंग पेरेंट हों शाम को या रात को सोने से पहले आप अपने बच्चे से बात जरुर करें और जाने आज उसने दिनभर क्या-क्या किया और क्या-क्या सीखा. इससे उसकी यादाश्त तो अच्छी होगी ही साथ ही वो अपनी बातें आपसे शेयर करने की आदत भी बना लेगा. आपका बोन्ड भी आपके बच्चे के साथ गहरा होता जाएगा.
आपसी समझ पैदा करें
बच्चे को इस बात का विश्वास होना चाहिए कि आप हमेशा उनके साथ हैं और उनकी गलतियों को हमेशा सुधारने का मौका देंगे. बच्चे और आपके बीच जब ये समझ बन जाती है तो आपके बच्चे कोई भी गलती करने से पहले उसे सुधारने की तरफ ध्यान देते हैं. हमेशा बच्चे की सारी बात सुनें उसे समझें और जब वो शांत हो तभी उसे समझाएं. जल्दबाज़ी या गुस्से में कभी बच्चे को नहीं समझाना चाहिए इससे उस पर उल्टा प्रभाव पड़ता है.
बच्चे पर अपनी उम्‍मीदें ना थोपें
हर बच्चे में अलग स्किल होते हैं इसलिए आपको उसे पहचानकर वो जो करना चाहता है उसमें स्पोर्ट करना चाहिए. आप क्या चाहते हैं अगर ये बात आप उसे समझा नहीं सकते तो उसे थोपना कहेंगे ऐसा करना आपके रिश्ते के लिए भी हानिकारक हो सकता है.
छोटी-सी बात पर भी करें तारीफ
बच्चे की हर छोटी-छोटी बात पर उसकी तारीफ करनी चाहिए. इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है, और वो उस काम को और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित होता है. कई बार बच्चे खेल खेल में कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसकी माता-पिता ने उम्मीद भी नहीं की होती. ये उम्र उनकी डवलेप्मेंट का है ऐसे में आपको हमेशा सरप्राइज़ होने का मौका मिलता रहता है. अगर आप बच्चों की अच्छे काम के लिए तारीफ करते हैं तो वो उसी तरह के काम की तरफ अपना ध्यान लगाना शुरु कर देते हैं.
बच्चों की परवरिश के लिए कोई साइंस नहीं है. हर माता-पिता का उसके बच्चे के साथ अलग और खास रिश्ता होता है. बस आप जितना हो सके अपने बच्चे के करीब रहें. उसकी सारी बातें सुनें, सभी सवालों के जवाब दें और अच्छे बुरे की समझ उसमें पैदा करें. आपकी ओर से उठा ये छोटा सा कदम आपके नन्हे की ज़िंदगी में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है. तो आप इन बातों का ध्यान रखें और बच्चे को जिद्दी होने से बचाएं.
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