बरसात में डेंगू बुखार का रहता हैं खतरा, जानिए लक्षण, और बचाव के देसी तरीके
हर साल बारिश के मौसम में मच्छर पनपने शुरू हो जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों की वजह बनते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर साल बारिश के मौसम में मच्छर पनपने शुरू हो जाते हैं जो कई तरह की बीमारियों की वजह बनते हैं। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया मच्छरों द्वारा ही फैलने वाली बीमारियां हैं। तो आज हम यहां डेंगू बीमारी के बारे में जानेंगे।
डेंगू
एडीज़ प्रजाति के मच्छर इस समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनके डंक के जरिए व्यक्ति के शरीर में फ्लैवी वायरस का प्रवेश हो जाता है और वहां तेजी से इसकी संख्या बढ़ने लगती है।
प्रमुख लक्षण
मच्छर काटने के बाद चार से सात दिनों के भीतर कुछ लोगों में तेज या हल्का बुखार, आंखों और सिर में दर्द, जी मिचलाना, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल रैशेज़ और मांसपेशियों में दर्द आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। गंभीर स्थिति में ब्लड का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरने लगता है, जिसकी वजह से शरीर के किसी भी हिस्से से ब्लीडिंग होने लगती है।
किन्हें और कब हो सकता है खतरा
ऐसे वातावरण में रहने वाले लोगों को, जहां मच्छरों की संख्या अधिक हो, जो लोग पहले किसी वायरल संक्रमण का शिकार हो चुके होते हैं, उनके शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और उनमें इसकी आशंका बढ़ जाती है। बच्चों और बुजुर्गों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इस वजह से उन्हें भी डेंगू हो सकता है। जब ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है, तो शरीर में पनपने वाला वायरस किडनी, लिवर, लंग्स, हार्ट और ब्रेन जैसे प्रमुख अंगों पर हमला शुरू कर देता है और यह स्थिति जानलेवा साबित होती है।
कैसे होती है जांच
सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचान कर मरीज का सीबीसी (टोटल ब्लड काउंट) टेस्ट कराया जाता है, इससे प्लेटलेट्स की स्थिति मालूम हो जाती है। इसके बाद एलिसा टेस्ट से शरीर में वायरस की मौजूदगी की जांच की जाती है। पीसीआर टेस्ट, सीरम आईजीजी और आईजीएम नामक जांच संक्रमण के बाद की स्थिति को जानने के लिए की जाती है। एक बार यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो इम्यून सेल्स डेंगू के वायरस से लड़ने के लिए आईजीजी और आईजीएम नामक एंटीबॉडीज का निर्माण शुरू कर देती हैं और इनका स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है।
क्या है उपचार
- डेंगू के लिए कोई विशेष दवा उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर बुखार और दर्द को नियंत्रित करने के लिए दवाएं देते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखना डेंगू नियंत्रित करने का सबसे कारगर तरीका है।
- पानी और जूस जैसे तरल पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से मरीज की सेहत में तेजी से सुधार होता है। ऐसी स्थिति में पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीना चाहिए।
- हालांकि, गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है। अत्यधिक गंभीर मामले में पीड़ित व्यक्ति को इंट्रावेनस फ्लूइड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दी जाती है। कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और प्लेटलेट ट्रांस्फ्यूजन द्वारा भी उपचार किया जाता है।