Health Care हेल्थ केयर : अच्छी सेहत के लिए भरपूर नींद की जरूरत हर किसी को होती है। लेकिन प्रेग्नेंसी में नींद पूरी करना और भी बड़ा चैलेंज है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के नौ महीने जितने अनमोल होते हैं, नींद न आने की समस्या इन्हें उतना ही मुश्किल भरा बना देती है। कई महिलाओं की शिकायत होती है कि थकान होने के बाद भी वे प्रॉपर नींद नहीं ले पातीं।
इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे हार्मोन्स में बदलाव, कमर दर्द होना और शिशु का ज्यादा एक्टिव हो जाना। कई बार रात में बार-बार यूरिन आने की वजह से भी नींद टूट जाती है। जिससे अगले दिन थकान और सुस्ती का अनुभव होता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो
HOSPITAL की रोबोटिक सर्जरी की डॉ. रंजना शर्मा कहती हैं कि एक गर्भवती को रात में 7- 8 घंटे और दिन में कम से कम दो घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। यह मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। यहां डॉक्टर ने नींद को कंफर्टेबल बनाने के सिंपल से तरीके बताए हैं।दिनभर एक्टिव रहें
प्रेग्नेंसी के दिनों में दिनभर एक्टिव रहने से आपको रात में अच्छी नींद आ सकती है। एक्टिव रहने का मतलब किसी हैवी काम से नहीं है। बस दिन में हल्का योग और एक्सरसाइज करते रहने से रेस्टलैस लेग की दिक्कत खत्म हो सकती है।
डिजिटल गैजेट्स से दूर रहें
डिजिटल गैजेट्स हमारे दिमाग को ALERT और एक्टिव रखते हैं। इनका सबसे ज्यादा असर हमारी नींद पर पड़ता है। बेहतर है कि सोने से दो घंटे पहले फोन, टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप को बंद कर दें और सोने पर फोकस करें।
गर्म पानी से स्नान करें
सोने से पहले गर्म पानी से नहाने से आपको सुकून भरी नींद आ सकती है। इससे दिनभर की थकान व टेंशन दूर होगी और नहाने के बाद लेटते ही आपको गहरी नींद आ जाएगी।
कॉफी से परहेज करें
रात में बिस्तर पर सोने जाने से पहले कैफीनेटेड ड्रिंक जैसे हॉट या COLD कॉफी पीने से बचना चाहिए। सोने से दो से तीन घंटे पहले आपने इनका सेवन बंद कर दिया, तो आप प्यारी सी नींद का अनुभव ले सकती हैं।
सोने से पहले कम पानी
साेने से पहले बहुत कम मात्रा में पानी पिएं। इससे आपको बार-बार यूरिन नहीं आएगी और नींद भी डिस्टर्ब नहीं होगी। सोने से पहले एक बार यूरिन होकर आएं, ऐसा करने से आपको गहरी नींद में से बार-बार जागना नहीं पड़ेगा।
करवट लेकर सोएं
प्रेग्नेंसी में कभी भी सीधे यानी पीठ के बल नहीं सोना चाहिए। कोशिश करें कि दाई या बाई तरफ करवट लेकर सोेएं। डॉक्टर बताती हैं कि रीढ़ की हड्डी के ऊपर हमारी बल्ड वेसेल्स होती हैं, जिसके ऊपर बच्चा साइड में धीरे-धीरे बढ़ रहा होता है। पीठ के बल सोने से वेसेल्स पर दबाव पड़ता है, जिससे बच्चा अपनी सप्लाई रोक देता है और आपके पैरों व हार्ट की तरफ से भी ब्लड SUPLY रुक जाती है । जबकि करवट लेकर सोने से बच्चे का पूरा वजन ब्लड वेसेल्स पर नहीं पड़ता , जिस वजह से उसकी ग्रोथ अच्छे से होती है।
यहां बताए गए नींद लाने के तरीके मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद हैं। गर्भवती महिलाएं इन्हें अपनाकर पूरे नौ महीने अच्छी और प्यारी नींद का अनुभव ले सकती हैं।