नवजात बच्चे की गर्दन पर हो गई है रैशेज की समस्या, जानिए लक्षण, कारण और बचाव
लाइफस्टाइल: नवजात बच्चे की त्वचा कोमल होती है। गर्मियों के मौसम में बच्चों की स्किन आसानी से संक्रमण का शिकार हो जाती है। हालांकि गर्मियों में त्वचा से संबंधित कई तरह के संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवजात बच्चे की गर्दन पर रैशेज की समस्या क्यों होती है और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है। गर्मियों में रैशेज की समस्य़ा होना आम बात है। बड़ों की तरह बच्चों को भी रैशेज की समस्या हो जाती है। रैशेज होने पर नवजात असहज महसूस करता है। वहीं रैशेज की समस्या के कारणों का पता होना भी जरूरी होता है।
गर्दन पर रैशेज होने के लक्षण
नवजात बच्चे की गर्दन पर रैशेज होने पर दाने पड़ सकते हैं।
रैशेज की समस्या होने पर स्किन पपड़ीदार नजर आ सकती है।
रैशेज होने पर बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है।
बच्चे को खुजली महसूस हो सकती है।
बच्चा बार-बार गर्दन पर हाथ लगाकर रो सकता है।
गर्दन पर क्यों होती है रैशेज की समस्या
अगर नवजात बच्चे को ज्यादा देर तक धूप में ले जाते हैं, तो गर्दन और चेहरे पर रैशेज हो सकते है।
फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से बच्चे के गर्दन पर रैशेज हो सकते हैं।
नवजात बच्चे की लार को साफ न करने पर भी यह समस्या होती है। जिसे ड्रोल रैश के नाम से जाना जाता है।
नवजात बच्चे की स्किन रूखी होने की वजह से गर्दन पर रैशेज हो जाते हैं।
रूखी स्किन से बचने के लिए नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकती हैं।
गर्दन पर रैशेज होने से कैसे रोकें
नवजात बच्चे की स्किन नाजुक होती है, इसलिए उसे रैशेज की समस्या से बचाने के लिए सूती कपड़े पहनाएं।
बच्चे को साफ कपड़े पहनाएं। क्योंकि गंदे कपड़ों के कारण भी बच्चे को स्किन में इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।
नवजात बच्चे की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। बच्चे को रोजाना स्नान कराएं। या फिर स्पंज की मदद से बच्चे की त्वचा को साफ करें।