नवरात्रि के नौ दिनों को पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ बताया गया
इस वर्ष कष्ट विनाशिनी मां दुर्गा नौका पर सवार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चैत्र मास का शुभारंभ चैत्र नवरात्रि पर्व से होता है। बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो जाता है। हिन्दू धर्म में मुख्य रूप से दो नवरात्रि पर्व मनाए जाते हैं। एक चैत्र मास में और दूसरा शरद मास में। दोनों नवरात्रि पर्व का अपना-अपना महत्व है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष का शुभारंभ पंचक के दौरान हो रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक के दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है और इसे अशुभ समय माना जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष पंचक का आरंभ 19 मार्च 2023, रविवार के दिन सुबह 09 बजकर 47 मिनट पर होगा और इसका समापन 23 मार्च 2023, गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट हो जाएगा। ऐसे में प्रश्न यह उठ रहा है कि क्या पंचक का प्रभाव चैत्र नवरात्रि पर भी पड़ेगा? आइए जानते हैं-
क्या चैत्र नवरात्रि 2023 में मान्य होगी पूजा?
हिन्दू धर्म ग्रंथ और वेदों में नवरात्रि के नौ दिनों को पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ बताया गया है। ऐसे में साधकों को इस चैत्र नवरात्रि के दौरान पंचक की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बता दें कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 22 मार्च 2023, बुधवार से होगा। इस दिन घटस्थापना के लिए शुभ समय सुबह 06 बजकर 14 मिनट से सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक ही रहेगा।
चैत्र नवरात्रि में इस वाहन पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
धर्माचार्य बताते हैं कि इस वर्ष कष्ट विनाशिनी मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आएंगी। शास्त्रों में बताया गया है कि माता के इस स्वरूप की उपासना करने से सभी दुःख दूर हो जाते हैं और साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।