बच्चों को बचपन से ही जरूर सिखाएं, जानिए ये 6 बेसिक सोशल मैनर्स
बच्चों का मन चिकनी मिट्टी की तरह होता है। आप बचपन में उन्हें जो भी सिखाएंगे, वे सीख जाएंंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बच्चों का मन चिकनी मिट्टी की तरह होता है। आप बचपन में उन्हें जो भी सिखाएंगे, वे सीख जाएंंगे। ऐसे में पैरेंट होने के नाते आपकी जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों को उनके बचपन में ही कुछ ऐसी बातें सिखाएंगे, जिनसे न सिर्फ वे अच्छे इंसान बन सके बल्कि सोसायटी भी एक लेवल अपग्रेड हो।
लोगों को ग्रीट करना सिखाएं
बच्चों को सिखाएं कि किसी के घर आने पर उन्हें नमस्ते, हैलो या हाय कहकर उनका वेलकम करें। कई बच्चे किसी के घर में आते ही या किसी से मिलते ही छुप जाते हैं। ऐसे में वे बचपन से घुल-मिल नहीं पाते।
थैंक्यू कहना सिखाएं
बच्चों को सिखाएं कि किसी चीज के मिलने या उनकी हेल्प किए जाने पर हमेशा धन्यवाद कहें। उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि आपके लिए अगर कोई कुछ करता है, तो आपको दिल से उनका शुक्रिया अदा करना है।
आंखें मिलाकर बातें करें
बच्चों को सिखाएं कि उन्हें आइज कॉन्टेक्ट यानी आंखें मिलाकर बातें करनी है। इससे बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ता है। बच्चों को सिखाएं कि उन्हें शरमाकर बात नहीं करनी है बल्कि बात करते वक्त उस व्यक्ति के चेहरे की तरफ देखते हुए बात करनी है।
बच्चों को हाथ मिलाना सिखाएं
हैंड शेक करने का तरीका सिखाते हुए बच्चों को समझाएं कि उन्हें मजबूती से हाथ पकड़कर हैंड शेक करना है। उन्हें बताएं कि हाथ मिलाना प्रोफेशनली ग्रीट करने का तरीका है। लड़का हो या लड़की इसे फॉर्मल ही मानना चाहिए।
सामने वाले की पूरी बात सुनें
बच्चों को बताएं कि अपनी बात अच्छी तरह से कहने के लिए उन्हें पहले सामने वाले की पूरी बात सुननी चाहिए। बीच में ही किसी की बात काटकर अपनी बात कहना अच्छी आदत नहीं है।
प्लीज कहने में कोई बुराई नहीं
किसी से कोई रिक्वेट करने के लिए प्लीज कहना बहुत जरूरी है। बच्चों को बताएं कि बड़े हो या फिर छोटे रिक्वेट करते हुए प्लीज कहना चाहिए।