आयुर्वेद का उपयोग सदियों से इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसका इस्तेमाल सिर्फ हेल्थ ही नहीं बल्कि ब्यूटी रूटीन में भी किया जाता है। आयुर्वेद हमारी त्वचा की अच्छी देखभाल करता है। बता दें कि चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद का इतिहास काफी पुराना है। शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि केरल को भारत की आयुर्वेद राजधानी भी कहा जाता है
बहरहाल, आज हम आपको बताते हैं कि त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद का इस्तेमाल कैसे करें। आइए जानते हैं कि आयुर्वेद के कौन से सौंदर्य अभ्यास आपकी त्वचा को और अधिक चमकदार बना देंगे।
अभ्यंग मसाज
अभ्यंग में त्वचा को पोषण देने, मांसपेशियों को आराम देने और परिसंचरण में सुधार करने के लिए गर्म हर्बल तेलों से शरीर की मालिश करना शामिल है। आप गुनगुने पानी में नहाने से पहले तिल, नारियल या बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपकी त्वचा की सेहत में सुधार आता है बल्कि तनाव भी कम होता है।
हर्बल फेस मास्क
आयुर्वेद त्वचा की देखभाल के लिए प्राकृतिक अवयवों के उपयोग को प्रोत्साहित करता है। अपनी त्वचा के अनुसार हल्दी, चंदन पाउडर, नीम, गुलाब जल या शहद जैसी चीजों का इस्तेमाल कर फेस मास्क तैयार करें। इन चीजों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक और पौष्टिक गुण होते हैं। यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
नेति
नेति नाक की सफाई का अभ्यास है। इसमें गुनगुने पानी और बिना आयोडीन युक्त नमक (खारा घोल) को नाक के एक हिस्से में डालकर दूसरे हिस्से से बाहर निकालना होता है। इससे नाक साफ होती है और साथ ही साइनस और बलगम की समस्या भी दूर हो जाती है।
जीभ खुरचना
टंग स्क्रैपिंग एक सरल तकनीक है, जिसमें तांबे या स्टेनलेस स्टील के टंग स्क्रैपर का उपयोग करके जीभ को धीरे से खुरचना शामिल है। यह अभ्यास रात भर में जीभ पर जमा हुए विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। एक साफ जीभ पाचन तंत्र को ठीक रखती है और त्वचा के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।