प्रीमैच्योर बेबी का घर पर ऐसे रखें ख़्याल

नवजात के प्रीमैच्योर जन्म से होने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 नवंबर को विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस मनाया जाता है।

Update: 2020-11-17 13:01 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  नवजात के प्रीमैच्योर जन्म से होने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 17 नवंबर को विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस मनाया जाता है। हर साल करीब एक करोड़ 50 लाख बच्चे प्रीमैच्योर पैदा होते हैं, यानी दुनियाभर में हर 10 बच्चों में से एक से ज़्यादा बच्चा वक्त से पहले जन्म लेता है। दरअसल, जो बच्चे 37वें हफ्ते से पहले पैदा हो जाते हैं, उन्हें प्रीमैच्योर कहा जाता है।

इस साल विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस की थीम है- 'समय से पहले पैदा होने वाले शिशुओं के लिए साथ आना और भविष्य की देखभाल करना'। वक्त से पहले से पैदा हुए शिशुओं में गंभीर स्वास्थ्य जोखिम का ख़तरा बढ़ जाता है। उनमें संक्रमण या अस्थमा विकसित होने की संभावना अधिक हो जाती है। प्रीमैच्योर शिशुओं में अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) का जोखिम भी बड़ा होता है।विश्व प्रीमैच्योरिटी दिवस के मौके पर आइए जानते हैं कि समय से पहले जन्मे नवजात शिशु की देखभाल कैसे करनी चाहिए।

प्रीमैच्योर शिशु की देखभाल कैसे करें:

NICU: नियोनेटल इंटेनसिव केयर यूनिट (NICU) उन शिशुओं की विशेष देखभाल करने में मदद कर सकता है, जिन्हें गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं। एनआईसीयू अच्छी तरह से सुसज्जित होता है और इसमें शिशुओं को हर तरह से देखभाल और सहायता प्रदान करने की विशेषज्ञता होती है। वे शिशुओं को सांस लेने, खिलाने और उन्हें गर्म रखने में मदद कर सकते हैं।

कंगारू मदर केयर: यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें लंबे समय तक त्वचा से त्वचा का संपर्क होता है, जिसमें मां शिशु को सीने से लगागर रखती है। इस तकनीक से मां और बच्चे के बीच एक मज़बूत रिश्ता बन जाता है।

संक्रमण से बचाएं: शिशु को संक्रमण और एलर्जी से बचाकर रखना बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए जो भी बच्चे या मां को छूता है, उसे स्वच्छता का खास ध्यान रखना चाहिए। ये जांचने के लिए कि बच्चा सही तरीके से सांस ले रहा है या नहीं, समय-समय पर मेडिकल चेकअप ज़रूरी है। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ न हो, इसके लिए वेंटीलेशन बैग या मास्क का उपयोग किया जा सकता है।   

स्तनपान की अहमियत को समझें: ये सभी जानते हैं कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए बच्चे के जन्म के साथ स्तनपान कराना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि, आमतौर पर प्रीमैत्योर शिशुओं को चूसने या निगलने में दिक्कत आती है, इसलिए उन्हें कप, चम्मच या फिर नैसोगैस्टिक ट्यूब के ज़रिए खिलाया जाता है। सुनिश्चित करें कि शिशु अच्छी नींद ले रहा है: बच्चे के लिए ऐसी जगह चुनें जहां शांति हो, ताकि उसकी नींद पूरी हो। साथ ही ये सुनिश्चित करें कि शिशु अच्छी नींद ले रहा है। शिशु के कमरे में लाइट हल्की रखें ताकि उसे अच्छी नींद आए। साथ ही सुनिश्चित करें कि आसपास शोरशराबा न हो।


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