ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से फैलता जाने लक्षण
भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट (New Variant) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट (New Variant) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron) से फैलने वाला संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है. ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले ज्यादातर लोगों को लगता है कि जैसे उन्हें ठंड लग गई है. गले में खराश, नाक बहना और सिरदर्द इसके लक्षण हैं.
कैसे पता चलेगा ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं आप?
ओमिक्रॉन कोरोना के पिछले खतरनाक वेरिएंट डेल्टा की तुलना में बहुत तेजी से फैलता है. आप कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हैं या नहीं, इसका पता आरटी-पीसीआर टेस्ट से चल सकता है. इसमें लार के नमूने को पैथोलॉजी लैब्स में भेजा जाता है जिससे ये पता चल सके कि ये संक्रमण ओमिक्रॉन का है, डेल्टा का या किसी और चीज का.
अगर केवल ये पता करना हो कि कोरोना संक्रमण है या नहीं, तो इसके लिए रैपिड टेस्ट भी किया जा सकता है, लेकिन इससे आप किस वेरिएंट से संक्रमित हैं, ये पता नहीं चलता. ओमिक्रॉन की पुष्टि के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग यानी जेनेटिक एनालिसिस जरूरी होती है, जिसमें 4 से 5 दिन लगते हैं.
दूसरों से अलग कैसे है ओमिक्रॉन वेरिएंट?
वायरस लगातार म्यूटेट करते हैं यानी लगातार रूप बदलते रहते हैं. इसी को वेरिएंट कहते हैं. इनमें कुछ वेरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं या ऐसे हो सकते हैं जो बहुत तेजी से फैलते हैं. इन्हें वेरिएंट्स ऑफ कन्सर्न (VoC) यानी चिंता का विषय माना जाता है.
ओमिक्रॉन भी एक वेरिएंट्स ऑफ कन्सर्न (VoC) है. इसमें ऐसे बदलाव हुए हैं जिन्हें पहले कभी नहीं देखा गया. ज्यादातर बदलाव वायरस के उन हिस्सों में हुए हैं, जहां मौजूदा वैक्सीन हमला करती हैं. वायरस के इस हिस्से को स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है.
वैक्सीन का असर
ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में हुए बदलाव की वजह से शुरू में ऐसी चिंता हुई कि शायद अभी जो वैक्सीन हैं वो ओमिक्रॉन पर बेअसर हो जाएंगी, लेकिन ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने इस बारे में अपनी रिसर्च में पाया कि अगर बूस्टर वैक्सीन यानी वैक्सीन की अतिरिक्त डोज ली जाए, तो 88% सुरक्षा बढ़ जाती है यानी अस्पताल पहुंचने की नौबत नहीं रहती. ब्रिटेन में एक अध्ययन में पता चला है कि डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले लोगों के अस्पताल पहुंचने का खतरा लगभग आधा है.