Summer Solstice 2022: साल के सबसे लंबे दिन और छोटी रात का क्या है रहस्य, जानें यहां
वहीं दक्षिण गोलार्द्ध के देशों में इसे सर्दियों की शुरुआत कहते हैं।
जल्द ही मॉनसून आने वाला है और बारिश की बूंदे हमें गर्मी के कहर से राहत दिलाएंगी, लेकिन इस बीच गृष्म संक्राति यानी समर सोल्स्टिस भी है। 21,जून, 2022 मंगलवार को यह खगोलीय घटना होगी। इस दिन साल का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होती है। जानकारों के अनुसार इस दिन सूर्य की ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। इस विशेष खगोलीय घटना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें इस लेख में हम आपको बताएंगे। तो चलिए जानते हैं।
समर सोल्स्टिस का समय
21 जून, मंगलवार को सूर्योदय जल्दी होगा और सूर्यास्त काफी देर से होगा। इस दिन सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर सूर्योदय होगा और शाम 7 बजकर 21 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा, यानी यह साल का सबसे लंबा दिन होगा जिसकी अवधि 13 घंटे 58 मिनट 1 सेकेंड होगी।
क्या होता है समर सोल्स्टिस में?
इस दिन सूरज आसमान में अपने सबसे उच्चतम बिंदु पर पहुंच जाता है जिसकी वजह से लंबे समय तक उजाला रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हर साल 21 जून को गृष्म संक्रति के दिन सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होता है।
क्यों होता है समर सोल्स्टिस?
जब जून के महीने में पृथ्वी का चक्कर लगाने के दौरान सूर्य के सामने पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध आता है तब साल का सबसे लंबा दिन होता है।
दक्षिणायन का प्रारंभ
ग्रीष्म संक्रति में सूर्य अपनी सबसे उत्तरी स्थिति में आ जाता है और कर्क रेखा के ऊपर आ जाता है। इसके बाद वह अपनी दिशा बदलता है और दोबारा दक्षिण की ओर चल पड़ता है।
30 फीसदी बढ़ती है सूर्य की ऊर्जा
इस दिन सूरज से मिलने वाली ऊर्जा में इजाफा होता है। नार्थ पोल पर सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा 30 फीसदी ज्यादा रहती है। 20, 21 और 22 जून को उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे ज्यादा ऊर्जा मिलती है। यही वजह है कि इसे गृष्म संक्रति कहते हैं।
मौसम में बदलाव
उत्तरी गोलार्द्ध के देशों में जून संक्रांति से गर्मी की शुरुआत होती है, वहीं दक्षिण गोलार्द्ध के देशों में इसे सर्दियों की शुरुआत कहते हैं।