जोधपुर: भोगीशैल परिक्रमा से घर लौट रहे श्रद्धालुओं के साथ आई फ्लू फैलने की आशंका ने चिकित्सा विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि आई फ्लू का संक्रमण अब ढलान पर है। परिक्रमा में शामिल कई महिलाओं के संक्रमित होकर घर लौटने से आंखों में संक्रमण बढ़ने की आशंका है। ऐसे में डॉक्टर घर पर भी संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने और हर स्तर पर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। वहीं, जयपुर के बाद जोधपुर में भी डेंगू के मामले आने शुरू हो गए हैं. आई फ्लू के बीच डेंगू की दस्तक ने चिकित्सा विभाग की चिंता बढ़ा दी है.
शहर में कई जगहों पर सड़क निर्माण और पाइपलाइन गैस के लिए खुदाई चल रही है. खुदाई के दौरान पेयजल लाइन टूटने या सीवरेज में लीकेज की शिकायतें आम हैं। इसके चलते कई इलाकों में दूषित पानी आ रहा है. दूषित पानी के कारण उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या भी बढ़ गयी है. पावटा सेकंड पोलो निवासी गिरधारी सोनी का कहना है कि उनके घर में पिछले दस दिन से दूषित पानी आ रहा है। जलदाय विभाग में भी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं, आई फ्लू और सामान्य सर्दी के मरीजों को भी पूरी तरह से ठीक होने में अधिक समय लग रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञ इसके पीछे कोविड के दुष्प्रभाव भी मान रहे हैं।
शरीर में दर्द और मतली की शिकायत
पावटा जिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अशोक सिंह राठौड़ का कहना है कि इन दिनों शरीर में दर्द और जी मिचलाने की शिकायत अधिक रहती है। उनका कहना है कि किसी को भी किसी भी प्रकार का बुखार हो तो तुरंत जांच करानी चाहिए। इसके साथ ही इस बरसात के मौसम में खासकर बुजुर्गों और बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार 31 जुलाई को जोधपुर में 6 डेंगू और 2 मलेरिया मरीजों की पुष्टि हुई है. हालांकि वास्तविक आंकड़ा इससे कई गुना ज्यादा बताया जा रहा है. शहर में फ्लू के बीच उल्टी-दस्त और बुखार की शिकायतें भी बढ़ गई हैं।