अध्ययन में खुलासा! संक्रमण से बचाव ही नहीं सेहतमंद तरीके से उम्र भी बढ़ाता है पेट का ये खास बैक्टीरिया
जापान में एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ कि 100 साल तक जीने वाले बुजुर्गों की आंतों में एक खास तरह का अच्छा बैक्टीरिया होता है,
जापान में एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ कि 100 साल तक जीने वाले बुजुर्गों की आंतों में एक खास तरह का अच्छा बैक्टीरिया होता है, जो उस उम्र में उनका ख्याल रखता है। यह बुजुर्गों को कई तरह के संक्रमणों से बचाता है। इस अध्ययन के मुताबिक ये बैक्टीरिया ऐसे सेकेंडरी बाइल अम्ल छोड़ते हैं, जो सेहतमंद तरीके से उम्र को बढ़ाता है।
टोक्यो के कीयो यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. केन्या होंडा ने बताया कि इस बैक्टीरिया से लोगों को सेहतमंद रहने में मदद मिलती है।
यह अध्ययन हाल ही में नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है। हालांकि, यह बैक्टीरिया सिर्फ उन्हीं लोगों में मिलता है जो 100 या उससे ज्यादा उम्र तक जीते हैं। हालांकि यह बात नहीं पुख्ता हुई है कि इस बैक्टीरिया की वजह से उन्हें लंबी उम्र मिलती है, लेकिन यह पुष्ट है कि वो अपने बुजुर्गियत में सेहतमंद रहते हैं।
डॉ. केन्या होंडा ने कहा कि यह बात तो प्रमाणित हुई है कि इस अच्छे बैक्टीरिया की वजह से लंबी उम्र के दौरान इंसान स्वस्थ रहता है, लेकिन इससे लंबी उम्र मिलने के डेटा नहीं मिले हैं। आंतों में रहने वाले बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म को गट माइक्रोबायोम कहते हैं। यह उम्र के हिसाब से हमारी सेहत को सही रखने में मदद करते हैं।
गट बैक्टीरिया की दूसरे समूहों से तुलना
इस अध्ययन में 300 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। जिनमें 160 ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जो 100 या उससे ज्यादा उम्र के हैं। इन 160 लोगों की औसत उम्र 107 साल है। इन लोगों के गट बैक्टीरिया को एक अलग समूह के वॉलेंटियर्स के बैक्टीरिया से तुलना की गई।
इस समूह में 85 से 89 साल के 112 लोग और 21 से 55 साल के 47 लोग शामिल थे। पता चला कि 100 या उससे ऊपर की उम्र वाले लोगों की आंतों में एक खास तरह का अच्छा बैक्टीरिया होता है जो बाकी दो उम्र समूहों की आंतों में नहीं दिखाई दिया। यानी 100 साल के ऊपर के लोगों की आंतों में कुछ बैक्टीरिया नए विकसित होते हैं, और कुछ पुराने खत्म हो जाते हैं, जो कि बाकी दो उम्र समूहों में नहीं होता।