बचपन से ही बच्चों को सिखाना शुरू कर दें ये 3 बातें

Update: 2024-09-28 05:22 GMT
बचपन से ही बच्चों को सिखाना शुरू कर दें ये 3 बातें
पेरेंट्स हमेशा अपने बच्चों को लेकर फिक्रमंद रहते हैं. उनकी बस एक ही तकलीफ रहती है कि मेरे बच्चे का क्या होगा. उसका भविष्य कैसा रहेगा. वो बड़ा होकर क्या बनेगा. इसका ध्यान माता-पिता बचपन से रखते हैं कुछ माता-पिता ऐसे भी होते हैं जो बच्चे की परवरिश पर ध्यान नहीं दे पाते या कुछ जरूरी चीजें समझने से चूक जाते हैं. ऐसे में आचार्य चाणक्य के अनुसार 3 चीजें ऐसी हैं जो अपने बच्चों को बचपन से ही सिखानी चाहिएजीवन में सफलता मिलती है बल्कि इससे देश के उज्जवल भविष्य का आधार भी बनता है.
सच्चाई के रास्ते पर चलना सिखाएं
चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी भी किसी भी चीज के लिए झूठ का सहारा लेने से बचना चाहिए. सच के रास्ते पर चलने वाले लोगों के साथ कभी बुरा नहीं होता है और ऐसे लोगों के जीवन में समस्याएं भी कम होती हैं. कहा जाता है कि एक झूठ को छिपाने के लिए और भी झूठ बोलने पड़ते हैं. अगर आपके बच्चे बचपन से ही सच की राह पर चलेंगे जो आगे जाकर काबिल बनेंगे. इसलिए चाणक्य हमेशा सच बोलने पर जोर देते हैं.
जरूर दें अच्छे संस्कार
इंसान कैसा है इसका आकलन उसके रूप-रंग से नहीं होता है बल्कि उसके आचरण से होता है. अगर आप अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार देंगे तो वे कभी भी आपका नाम बदनाम नहीं करेंगे. वे खुद भी समाज में रिस्पेक्ट पाएंगे और अपने परिवार का नाम भी रोशन करेंगे. इसलिए मां-बाप को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बच्चों को बचपन से ही अच्छी शिक्षा दें, उन्हें जीवन के सच्चे आदर्शों से रूबरू कराएं और उनके आचरण में प्रेम, सद्भाव, निर्मलता और सहजता भरें|
सच्चाई के रास्ते पर चलना सिखाएं
चाणक्य कहते हैं कि इंसान को कभी भी किसी भी चीज के लिए झूठ का सहारा लेने से बचना चाहिए. सच के रास्ते पर चलने वाले लोगों के साथ कभी बुरा नहीं होता है और ऐसे लोगों के जीवन में समस्याएं भी कम होती हैं. कहा जाता है कि एक झूठ को छिपाने के लिए और भी झूठ बोलने पड़ते हैं. अगर आपके बच्चे बचपन से ही सच की राह पर चलेंगे जो आगे जाकर काबिल बनेंगे. इसलिए चाणक्य हमेशा सच बोलने पर जोर देते हैं|
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