स्वस्थ सेहत के लिए आपकी लाइफस्टाइल का हेल्दी होना भी जरूरी हैं और इसमें महत्वपूर्ण स्थान रखती है आपकी नींद। हेल्दी लाइफस्टाइल में जितना अहम रोल खानपान और व्यायाम का होता है, उतनी ही जरूरी नींद भी होती है। एक अच्छी नींद हमारे दिमाग को तरोताजा करने और शरीर के दूसरे अंगों को आराम देने के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल लोग रात को अपना अधिकतर समय मोबाइल में गुजार देते हैं जिसकी वजह से नींद में खलल पड़ जाता हैं। जबकि स्वस्थ शरीर के लिए हर व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। आज इस कड़ी में हम आपको उन गंभीर नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं जो नींद पूरी ना होने की वजह से पनपती हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...
सोचने की शक्ति पर पड़ता है असर
यहां तक कि एक रात की नींद भी पूरी न होने से सोच संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपेरिमेंटल ब्रेन रिसर्च द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में, 18 पुरुषों के एक समूह को पूरा करने के लिए एक कार्य दिया गया था। पहला काम पूरी रात की नींद लेने के बाद पूरा कर लिया गया। अगला काम रात को सोने के बाद पूरा किया गया।
इम्यून सिस्टम होगा कमजोर
कोरोना काल में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने की बातें हो रही हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी नींद न लेने से हमारा रोग प्रतिरोधक तंत्र प्रभावित होता है और अगर इम्युनिटी कमजोर हो तो व्यक्ति को कोई भी इंन्फेक्शन, खांसी, जुकाम, बुखार आदि समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं।
हार्ट अटैक
जब हम सोते हैं तो यह वक्त हमारे शरीर की अंदरूनी मरम्मत और सफाई का होता है लेकिन नींद पूरी न होने की वजह से शरीर के विषाक्त पदार्थ साफ नहीं हो पाते और जिसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की आशंका बढ़ जाती है। इससे हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
बढ़ सकता है वज़न
नींद पूरी न होने के कारण आपका वज़न भी बढ़ सकता है। एक अध्ययन ने 20 वर्ष से अधिक आयु के 21,469 वयस्कों में नींद और वजन के बीच संबंधों की जांच की। तीन साल के अध्ययन के दौरान जो लोग हर रात 5 घंटे से कम सोते थे, उनका वजन बढ़ने और अंततः मोटे होने की संभावना अधिक थी।
मानसिक स्थिति पर असर
कम सोने का सीधा असर हमारी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। जितनी देर हम सोते हैं उतनी देर में हमारा दिमाग भी एक नई ऊर्जा जुटा लेता है। लेकिन नींद पूरी नहीं होने पर दिमाग तरोताजा नहीं हो पाता, जिसके चलते कई मानसिक समस्याएं हो जाती हैं और कई बार याददाश्त से जुड़ी परेशानी भी हो जाती है।
हार्मोनल समस्याएं
आजकल महिलाओं में थायरॉयड, पीसीओडी जैसी कई हार्मोनल परेशानियां का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसकी बड़ी वजह स्ट्रेस है। नींद की कमी से भी स्ट्रेस बढ़ता है और ये तनाव कई समस्याओं की वजह बनता है। इसकी वजह से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और महिलाओं में चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, पीरियड की अनियमितता, मोटापा जैसी परेशानियां हो जाती हैं। ये परेशानियां अन्य बीमारियों को न्योता देती हैं।
बढ़ जाता है डायबिटीज़ का जोखिम
मोटापे के अलावा जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती, उनमें भी डायबिटीज़ होने का जोखिम बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने नींद और मधुमेह पर केंद्रित 10 अलग-अलग अध्ययनों की जांच की। उनके निष्कर्षों से पता चला कि 7 से 8 घंटे का आराम अगर आपके शरीर को मिलता है, तो इससे डायबिटीज़ का ख़तरा कम हो जाता है।
ऑस्टिहयोपोरोसिस
अच्छी नींद नहीं लेने की वजह से हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा हड्डियों में मौजूद मिनरल्स का संतुलन भी बिगड़ जाता है। इसके चलते जोड़ों के दर्द की समस्या पैदा हो जाती है।