सावन में सोलह श्रृंगार का है विशेष महत्‍व, मिलता है गौरीशंकर का आशीर्वाद

Update: 2024-07-23 01:10 GMT
सावन का महीना शुरू हो गया है जो 19 अगस्‍त तक चलेगा. सावन के महीने में विवाहित महिलाएं सोलह श्रृंगार (solah shringar) कर शिप पार्वती की पूजा करेंगी. मान्‍यता है कि सोलह श्रृंगार कर पूजा-पाठ करने से मां पार्वती और शिप प्रसन्‍न होते हैं और आर्शीवाद देते हैं. यही नहीं, सावन में सोलह श्रृंगार करना महिलाओं में सौभाग्य और सुहाग की निशानी के रूप में भी माना जाता है. ऐसा करने से महिलाओं का सौंदर्य और आत्मविश्वास भी बढ़ता है. यही वजह है‍ कि सावन के महीने में भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार करने का विशेष महत्व है.
सोलह श्रृंगार
सिंदूर Sindoor
सुहागन महिलाओं का सबसे बड़ा श्रृंगार सिंदूर माना जाता है. इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और शादीशुदा औरतें अपने पति की लंबी आयु के लिए अपनी मांग में बीचो-बीच सिंदूर लगाती हैं.
मांगटीका Maangtika
कहते हैं कि सिंदूर को नजर न लगे इसलिए इसे ढंकने के लिए मांग टीका पहना जाता है. इसे भी सिहागन महिलाएं सजने के लिए पहनती हैं. माना जाता है कि मांग टीका की तरह उनकी शादी शुदा जिंदगी हमेशा सीधी दिशा में चलती है.
बिंदी Bindi
बिंदी या कुमकुम को माथे पर दोनों भौहों की बीच में लगाया जाता है. सुहागिन महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के लिए इसे सिर पर लगाती हैं.
काजल Kajal
बुरी नजर से बचाने के लिए काला काजल लगाया जाता है. यह आंखों का श्रृंगार भी है. सोलह श्रृंगार में काजल का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है
नथ Nath
नाक में पहना जाने वाला गहना है नथ, जिसके बारे में मान्‍यता है कि सुहागन महिलाओं को छोटा या बड़ा नथ जरूर पहनना चाहिए क्‍योंकि यह सौभाग्‍य का प्रतीक है.
गजरा Gajra
दक्षिण भारत में महिलाएं नियमित रूप से अपने बालों पर गजरा लगाती हैं. इसे भी सौभाग्‍य का प्रतीक माना जाता है और यह सोलह श्रृंगार का हिस्‍सा है.
गले का हार Necklace
सोलह सिंगार में गले के हार को भी गिना जाता है. इसके लिए महिलाएं गले में चेन, मंगलसूत्र या कोई पतला सा हार पहनती हैं. मंगलसूत्र को पति के प्रति सुहागन की वचनबद्धता का प्रतीक माना जाता है.
बाजूबंद Armlets
सोलह सिंगार में अगला स्थान बाजूबंद का आता है. इन दिनों बाजार में तरह-तरह के डिजाइन वाले बाजूबंद मिल रहे हैं जिसमें मॉडर्न और ट्रेडिशनल, आप किसी को भी अपने श्रृंगार का हिस्‍सा बना सकती हैं.
चूड़ियां Bangles
सावन के महीने में हाथों में लाल या हरी चूड़ियां पहनना सौभाग्य का प्रतीक है. मान्‍यता है कि लाल चूड़ियां खुशी और संतुष्टि का प्रतीक हैं जबकि हरी चूड़ियां सुख और समृद्धि का प्रतीक. सावन के हरी चूड़ियां महिलाएं अधिक पहनती हैं.
मेहंदी
सावन के महीने में मेहंदी लगाने का खास महत्‍व है. खासतौर पर विवाहित महिलाएं सावन में मेहंदी जरूर लगवाती हैं जो सुहाग का प्रतीक माना जाता है.
अंगूठी Ring
अंगूठियां पति-पत्नी के आपसी प्यार और विश्वास की प्रतीक है. यही वजह है कि अंगूठी भी सोलह श्रृंगार में जरूर पहना जाता है.
कमरबंद Waistband
कमरबंद, जिसे कमर में पहना जाता है, सोलह श्रृंगार में इसका महत्वपूर्ण स्थान है. आप सावन के महीने में चांदी का कमरबंद पहन सकती हैं. यह शादी के बाद अपने घर की मालकिन होने का भी प्रतीक है.
बिछिया Bichhiya
पैरों की उंगलियों में पहने जाने वाला गहना बिछिया सुहागन महिलाएं ही धारण करती हैं. शादी के समय इसे महिलाओं को पहनाया जाता है जिसे पूरी उम्र सुहागन महिलाएं अपने पैरों की बीच की तीन उंगलियों में पहनती हैं.
पायलPayal
पायल भी सौभाग्य का प्रतीक है जिसे विवाहित स्त्रियां अपने पैरों में पहन कर रखती हैं. इसकी छन-छन आवाज घर आंगन में खुशियां लाती हैं.
लाल आलता Red Alta
सावन में सुहागन महिलाएं पैरों में लाल आलता लगाती हैं जो दरअसल सोलह श्रृंगार का हिस्सा भी है
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