खर्राटों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

Update: 2023-06-13 13:51 GMT
खर्राटे लेना काफी आम है। यह समस्या ज्यादातर लोगों में पाई जाती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप खर्राटों को हल्के में लेना शुरू कर दें। क्‍योंकि खर्राटे लेना कई गंभीर समस्‍याओं का कारण और संकेत भी हो सकता है। वैसे तो खर्राटे की समस्या हर किसी को कभी न कभी हो ही जाती है, लेकिन अगर इसे रोजाना की आदत बना लिया जाए तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे आसपास सो रहे लोगों को भी परेशानी हो सकती है। आइए जानते हैं खर्राटों से होने वाली बीमारियां और इससे बचने के उपाय।
खर्राटों से कैसे छुटकारा पाएं
जीवनशैली में बदलाव करके।
वजन कम करना।
सोने से पहले शराब न पिएं।
तकिए पर ही सोने की कोशिश करें।
खर्राटों को रोकने में सर्जरी भी मददगार हो सकती है।
खर्राटे से हो सकती हैं 5 खतरनाक बीमारियां!
1. खर्राटे और स्ट्रोक
एनसीबीआई के मुताबिक खर्राटों की वजह से स्ट्रोक का खतरा 46 फीसदी तक बढ़ जाता है। यह धमनी को नुकसान का संकेत भी हो सकता है। इसलिए समय रहते डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
2. खर्राटे और हृदय रोग
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक खर्राटे स्लीप एप्निया की वजह से भी हो सकते हैं। जो लोग दूसरों की तुलना में अधिक खर्राटे लेते हैं उनमें दिल के दौरे और हृदय रोग का खतरा अधिक होता है।
3. खर्राटे और सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया
खर्राटों के कारण बाथरूम जाने के लिए रात में दो या दो से अधिक बार उठना पड़ता है। इसे नोक्टुरिया कहते हैं। शोध के अनुसार, यदि 55 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष बार-बार पेशाब करने के लिए उठते हैं, तो यह सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया के कारण हो सकता है।
4. खर्राटे और उच्च रक्तचाप
वेबमेड के अनुसार, जो लोग सांस छोड़ते हुए अत्यधिक खर्राटे लेते हैं, उन्हें सांस संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं। उन्हें उच्च रक्तचाप का भी अधिक खतरा होता है। इसलिए खर्राटों की समस्या होने पर तुरंत इलाज कराने की सलाह दी जाती है।
5. खर्राटे और मधुमेह
येल यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग रोजाना अधिक खर्राटे लेते हैं उनमें मधुमेह विकसित होने का खतरा 50 प्रतिशत अधिक होता है। स्लीप एपनिया टाइप 2 मधुमेह से जुड़ा हुआ है। खर्राटे लेना मधुमेह का कारण हो सकता है।
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