शोध : कोरोना वायरस को बेहतर तरीके से समझने के लिए लगातार रिसर्च हो रहे हैं, जाने त्वचा पर कितनी देर तक रह सकता है कोरोना वायरस?
दुनिया के लगभग सभी देशों में 10 महीनों बाद भी कोरोना वायरस का क़हर जारी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया के लगभग सभी देशों में 10 महीनों बाद भी कोरोना वायरस का क़हर जारी है। दुनियाभर में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग तेज़ी से फैलते इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से करीब 12 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, लगातार हो रहे शोध और 10 महीनों बाद भी हमारे पास न तो इस संक्रमण की वैक्सीन है और न ही इलाज।
इस वक्त दुनियाभर में वैक्सीन के कई दावेदार ट्रायल के अंतिम चरण पर पहुंच चुके हैं, लेकिन फिर भी वैक्सीन को आने में समय लगेगा। वहीं, दूसरी तरह इस वायरस को बेहतर तरीके से समझने के लिए लगातार रिसर्च हो रहे हैं। हाल ही में एक नए शोध में पता चला है कि कोरोना वायरस इंसानों की त्वचा पर भी कई दिनों तक रह सकता है। इस शोध ने वैज्ञानिकों और मेडिकल एक्सपर्ट्स की नींदें उड़ा दी हैं। जापानी शोधकर्ताओं के एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस मनुष्य की त्वचा पर 9 घंटे तक जीवित रह सकता है।
क्लीनिकल इन्फेक्शस डिसीजेज जर्नल में प्रकाशित इस शोध स्टडी के मुताबिक, कोरोना वायरस की तुलना में फ्लू का वायरस इंसानों की त्वचा पर करीब 9 घंटे तक ज़िंदा रह सकता है। शोध में यह भी बताया कि इन्फ्लुएंजा ए वायरस के मुकाबले कोविड-19 के इंसान की त्वचा पर 9 घंटे तक जीवित रहने की वजह से कॉन्टैक्ट ट्रांसमिशन का जोखिम बढ़ सकता है। शोध के मुताबिक, दोनों ही वायरस एथनॉल लगाने के 15 सेकंड के अंदर निष्क्रिय हो जाते हैं, जिसका इस्तेमाल हैंड सैनिटाइजर में होता है।
हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ था कि कोरोना वायरस बैंक नोट और मोबाइल फोन जैसे उत्पादों पर ठंडे और डार्क परिस्थितियों में 28 दिन तक जीवित रह सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय साइंस एजेंसी की एक रिसर्च में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस बैंक नोट और मोबाइल फोन जैसे उत्पादों पर ठंडे और डार्क परिस्थितियों में 28 दिन तक जीवित रह सकता है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।