रामकृष्ण परमहंस जयंती 2022: रामकृष्ण परमहंस जयंती पर जानें उनके बारे में ये 10 बातें

रामकृष्ण परमहंस जयंती 2022 रामकृष्ण परमहंस जयंतीजानें उनके बारे में 10 बातें

Update: 2022-03-03 01:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मां काली (Maa Kaali) के उपासक और स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस का जन्म फाल्गुन माह (Phalguna Month) के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुआ था. इस साल रामकृष्ण परमहंस जयंती 04 मार्च दिन शुक्रवार को है. इस दिन फूलेरा दूज भी है. इस वर्ष फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 03 मार्च को रात 09:36 बजे से शुरु हो रही है, जो अगले दिन 04 मार्च को रात 08:45 बजे तक मान्य है. आइए जानते हैं स्वामी रामकृष्ण परमहंस के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें.

रामकृष्ण परमहंस के बारे में महत्वपूर्ण बातें
1. स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के कामारपुकुर गांव में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था. पंचांग के अनुसार, उस दिन फाल्गुन शुक्ल द्वितीया थी.
2. रामकृष्ण परमहंस जी के पिता खुदीराम और माता चंद्रा देवी थीं. परमहंस जी के बचपन का नाम गदाधर था. उनकी पत्नी का नाम शारदामणि देवी था. रामकृष्ण जी के गुरु का नाम तोतापुरी था.
3. रामकृष्ण परमहंस जी के जन्म से जुड़ी कुछ बातें प्रचलित हैं. उनमें से एक यह है कि उनके पिता को स्वप्न में भगवान विष्णु दर्शन दिए थे और पुत्र रुप में जन्म लेने की बात कही थी. इस वजह से उनका नाम गदाधर रखा गया था. उनकी मां ने भी एक ऐसी ही​ मिलती-जुलती घटना का जिक्र किया था.
4. रामकृष्ण परमहंस के बड़े भाई को कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मुख्य पुजारी का कार्य मिला था. जहां पर रामकृष्ण जी मां काली की मूर्ति को सजाते संवारते थे.
5. बड़े भाई के निधन के बाद रामकृष्ण परमहंस जी को दक्षिणेश्वर काली मंदिर के मुख्य पुजारी का दायित्व मिला. वे इतने मग्न हो गए कि उन्होंने माता काली को ही अपनी माता मान लिया.
6. बताया जाता है कि मां काली की साधना से उनकी मानसिक स्थिति कुछ खराब हो गई, तो घरवालों ने उनके विवाह के बारे में सोचा. तब रामकृष्ण परमहंस जी ने स्वयं शारदामणि के बारे में बताया था. तब उनका विवाह शारदामणि से हुआ.
7. सांसारिक चीजों से विरक्त होकर रामकृष्ण परमहंस जी ने संन्यास ले लिया और उनका नाम गदाधर से रामकृष्ण परमहंस हो गया.
8. रामकृष्ण परमहंस जी के कई शिष्य थे. उनमें से स्वामी विवेकानंद एक थे. मां काली की भक्ति और सिद्धि से रामकृष्ण परमहंस जी की ख्याति दूर दूर तक फैल गई थी.
9. स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने दूसरे धर्मों के बारे में भी ज्ञान हासिल किया था. उन्होंने सभी धर्मों की एकता पर बल दिया था.
10. रामकृष्ण परमहंस जी का निधन 50 साल की उम्र में 16 अगस्त 1886 में कोलकाता में हुआ था.


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