डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण इलाज है इमली, ऐसे करें सेवन
टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। इस स्थिति में अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना पूरी तरह से बंद हो जाता है और रक्त में शर्करा स्तर भी बहुत बढ़ जाता है। इसके लिए टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को मीठे चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि, इमली को लेकर लोगों में दुविधा बनी रहती है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को इमली का सेवन नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो टाइप 2 डायबिटीज के मरीज इमली का सेवन कर सकते हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स 23 होता है। जीआई मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। साथ ही इसमें कई अन्य पोषक तत्वों के साथ फाइबर पाए जाते हैं। इन गुणों के चलते डायबिटीज के मरीज इमली का सेवन कर सकते हैं। इमली में पोषक तत्व इमली में विटामिन-बी1, बी2, बी3, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन-सी, के, बी5, बी6, फोलेट, कॉपर और सेलेनियम पाए जाते हैं जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
इसके अलावा इमली में एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटीबायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। जबकि इमली में एंटी-वायरल और एंटी-फंगल के गुण भी पाए जाते हैं जो मलेरिया में फायदेमंद होते हैं। वहीं, इमली के बीज भी टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण दवा है। एक शोध में खुलासा हुआ है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को इमली के बीज का सेवन करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। आइए, जानते हैं कि शोध क्या कहती है-
reseachgate.net पर छपी एक शोध में इमली के बीज के फायदे को बताया गया है। यह शोध डायबिटीज के दोनों टाइप के चूहों पर किया गया है। इस शोध से चौंकाने वाला परिणाम प्राप्त हआ है। शोध की मानें तो इमली के बीज का अर्क का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज चूहों का ब्लड शुगर स्तर कम हुआ। हालांकि, टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित चूहों पर इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। डॉक्टर से सलाह लेकर इमली बीज के पाउडर क नार्मल पानी के साथ सेवन कर सकते हैं। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।