प्रेगनेंसी पिलो Vs रेगुलर पिलो: प्रेगनेंसी में कैसे कम्फर्टेबल होकर सोएं, ये है प्रेगनेंसी पिलों के फायदे
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प्रेगनेंसी के दौरान मां बनने वाली महिलाओं को कम्फर्टेबल नींद इसके लिए प्रेगनेंसी पिलो अब एक प्रेगनेंसी पीरियड के दौरान एक आवश्यक सर्पोट सिस्टम बन गया हैं। प्रेगनेंसी पिलो पहली बार 2010 में चर्चा में आया था जब हॉलीवुड सिंगर जेनिपर लॉपेज ने बैक सर्पोट के लिए इसका इस्तेमाल करना शुरु किया था। तब पहली बार मालूम चला था कि ये बैक सर्पोट के अलावा प्रेगनेंसी में बहुत यूजफूल होता है।
गर्भावस्था में बढ़ते वजन के वजह से अक्सर आपकी पीठ, कूल्हों और प्यूबिक बोन, पैरों और पांव पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। यह नींद के दौरान और बाद में भी महसूस होता है। प्रेग्नेंसी स्लीपिंग पिलो उन महिलाओं के लिए एक सुविधाजनक और उपयोगी एक्सेसरी है, जिन्हें शरीर में दर्द और पीठ दर्द होता है, जिसके कारण रात की अच्छी नींद लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। आइए जानते हैं इसे इस्तेमाल करने के फायदों के बारे में।
प्रेगनेंसी पिलो Vs रेगुलर पिलो
प्रेगनेंसी के दौरान पांव और घुटनों के दर्द से बचने के लिए प्रेगनेंट महिलाएं घुटनों के बीच एक नियमित तकिए को रखकर सोया करते थे। लेकिन प्रेगनेंसी पिलो रेगुलर से बिल्कुल अलग हैं। इसे विशेष रूप से एक प्रेगनेंट महिला के शरीर में बढ़ते वजन की वजह से आ रहे बदलाव को मद्देनजर रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। वे साधारण तकिए की तुलना में लंबे होते हैं, अक्सर शरीर की लंबाई के साथ ही ये शरीर के अलग-अलग हिस्सों को आराम देते है इसलिए इन्हें ऐसे डिज़ाइन किए जाते हैं, जिससे नींद बहुत आरामदायक आती है, यहां तककि लंबे समय तक भी। गर्भावस्था के बाद के चरणों में यह विशेष रूप से सहायक होता है, जैसे बच्चों को ब्रेस्टफीड कराते हुए ये हाथों को खूब सर्पोट देत है।
कब से प्रेगनेंसी पिलो का इस्तेमाल शुरु करना चाहिए?
हालांकि यह तय करने का कोई नियम नहीं है कि प्रेगनेंसी पिलो का उपयोग कब से शुरू करना चाहिए, अधिकांश विशेषज्ञ इसे लगभग 20 सप्ताह में उपयोग करने का सुझाव देते हैं, क्योंकि इस दौरान मां का कुछ वजन बढ़ने और मिडसेक्शन के विस्तार का अनुभव होना शुरू हो जाता है जो लिंगामेंट्स पर अतिरिक्त दबाव बढ़ने लगता है। गर्भावस्था के तकिए के साथ बढ़ते पेट को सहारा देना जितना आसान है, उतना ही पीछे की तरफ से भी कमर और पीठ को भी सर्पोट मिलता है, इसमें नींद आने के साथ ही निश्चित रूप से आखिरी तिमाही में काफी मदद मिलती है।
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