आड़ू छोटा सा मुलायम फल है, जो देखने में सेब जैसा ही लगता है. हालांकि सेब से इसके आकार की बनावट में थोड़ा सा अंतर रहता है.इसका वैज्ञानिक नाम प्रूनस पर्सिका(Prunus persica)है.माना जाता है कि 8 हजार साल पहले चीन में आड़ू की उत्पत्ति हुई.आड़ू खाने में जितना स्वादिष्ट होता है,उतना ही यह शरीर को बीमारियों से भी बचाता है. यह डाइजेशन और स्किन के लिए बहुत अच्छा फल है.बाजार में मिलने वाली कई तरह की क्रीम में आड़ू का इस्तेमाल किया जाता है.आडू में फाइबर, विटामिन, खनिज और पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं. इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट, पोटाशियम, नियासिन, कॉपर, मैगनीज जैसे पोषक तत्व भी मिलते हैं.एक मध्यम आकार के आड़ू से 58 कैलोरी एनर्जी मिलती है.आड़ू में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो एजिंग से भी शरीर की रक्षा करते हैं.आड़ू जितना फ्रेश और पका होगा,उसमें उतना ही एंटीऑक्सीडेंट होगा.हेल्थलाइन की खबर में कहा गया है कि एक अध्ययन के मुताबिक यह साबित हो चुका है आड़ू के जूस का सेवन करने के 30 मिनट बाद एंटीऑक्सीडेंट अपना असर दिखाने लगता है.डाइजेशन के लिए कारगर फल
एक मीडियम साइज के आड़ू में 2 ग्राम फाइबर होता है. इनमें आधा घुलनशील होता है और अघुलनशील होता है. इसलिए यह पेट में पाचन संबंधी हर तरह की समस्या से छुटकारा दिलाता है. पेट में कीड़े पड़ने की समस्या हो या फिर पेट दर्द , आडू इन समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है. विशेषज्ञों के अनुसार, 10-20 एमएल आड़ू के रस में 500 मिलीग्राम अजवाइन चूर्ण और 125 मिलीग्राम हींग मिलाकर पीने से पेट दर्द से आराम मिलता है और पेट के कीड़े भी खत्म होते हैं.स्किन को ग्लोइंग बनाता है आड़ू
स्किन की हेल्थ के लिए आड़ू का कोई जवाब नहीं है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण चेहरे पर उम्र के असर को कम करते हैं. एक अध्ययन में पाया गया है कि आड़ू में मौजूद कंपाउंड चेहरे की स्किन को मॉयश्चर रखते हैं, जिससे स्किन का टेक्सचर बेहतर हो जाता है. यह स्किन को अल्ट्रावायलट किरणों से भी बचाता है. चूहों पर किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि आड़ू में स्किन कैंसर से लड़ने की क्षमता है.स्किन से संबंधित बीमारियों में आड़ू की गुठली के तेल का का इस्तेमाल फायदेमंद होता है.
हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है
आड़ू का नियमित सेवन हार्ट डिजीज के जोखिम को बहुत कम कर देता है. आड़ू के सेवन से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रहता है. एक अध्ययन में पाया गया है कि आड़ू बाइल एसिड (bile acids )से तुरंत प्रक्रिया कर जुड़ जाता है. बाइल एसिड एक कंपाउड है जो लीवर में बनता है. यह कंपाउड कोलेस्ट्रॉल को अपने साथ लेकर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि आड़ू का जूस एंजियोटेनसिन-2 (angiotensin II) के स्तर को कम कर देता है. एंजियोटेनसिन के कारण है ब्लड प्रेशर बढ़ता है.गठिया में उपयोगी
बढ़ती उम्र में गठिया परेशानी का सबब है. इस रोग के कारण जोड़ों और घुटनों में दर्द होने लगता है. आड़ू के तने की छाल को पीसकर जोड़ों पर लगाने से गठिया के दर्द से राहत मिलती है.