मुनक्का- एक आयुर्वेदिक औषधि

आयुर्वेदिक औषधि

Update: 2023-07-06 07:49 GMT
मुनक्का हमें न केवल बीमारियों से दूर रखता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। किशमिश को पानी में कुछ देर भिगोकर रखने और फिर उसे सुखाने के बाद किशमिश की स्थिति को ही मुनक्का का नाम दिया गया है। इसकी प्रकृति या तासीर गर्म होती है।ये कई रोगों की दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह पेट और फेफड़ों के रोगों में भी बहुत लाभकारी है |
आज हम जानेंगे मुनक्कों से विभिन्न रोगों का उपचार
1. 10 -12 मुनक्के धोकर रात को पानी में भिगो दें | सुबह को इनके बीज निकालकर खूब चबा -चबाकर खाएं , तीन हफ़्तों तक यह प्रयोग करने से खून साफ़ होता है तथा नकसीर में भी लाभ होता है |
2. भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है।
3. मुनक्के के सेवन से कमजोरी मिट जाती है और शरीर पुष्ट हो जाता है |
4. मुनक्के में लौह तत्व आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण यह हिमोग्लोबिन खून के लाल कण को बढ़ाता हैै |
5. 4-5 मुनक्के पानी में भिगोकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं |
6. 10 -12 मुनक्के धोकर रात को पानी में भिगो दें | सुबह को इनके बीज निकालकर खूब चबा -चबाकर खाएं , तीन हफ़्तों तक यह प्रयोग करने से खून साफ़ होता है तथा नकसीर में भी लाभ होता है |
7. 5 मुनक्के लेकर उसके बीज निकल लें , अब इन्हें तवे पर भून लें तथा उसमें कालीमिर्च का चूर्ण मिला लें | इन्हें कुछ देर चूस कर चबा लें ,खांसी में लाभ होगा |
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