Parenting Tips: बच्चे की परवरिश में कुछ बातों का ख्याल रखना है बेहद जरूरी, जानिए

Update: 2024-06-06 03:06 GMT
Parenting Tips: बच्चा जो कुछ सीखता है, जो कुछ समझकर बड़ा होता है और जो कुछ देखता-सुनता है उसके जीवन को प्रभावित करता है. ऐसे में माता-पिता की कोशिश यूं तो यही रहती है कि बच्चे को ऐसा पर्यावरण दिया जा सके जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए लाभकारी हो. लेकिन, अक्सर ही माता-पिता (Parents) इस काम ये चूक जाते हैं. रोजमर्रा की आदतें बनाना या बच्चे को कुछ अलग से सिखाना मुसीबत का सबब लगने लगता है और पैरेंट्स सीधे तौर पर गुस्से में कभी बच्चे को डांट-डपट देते हैं तो कभी उसके सामने लड़ना-झगड़ना या एकदूसरे पर दोषारोपण आदि शुरू कर देते हैं. ऐसे में पैरेंट्स के लिए यह समझना जरूरी है कि बच्चे की परवरिश
(Parenting)
ही उसकी कामयाबी की नींव होती है और कुछ बेहद छोटी-मोटी बातें ही बच्चे के का भविष्य बेहतर बना सकती हैं.
इस तरह बच्चा बनता है कामयाब- This is how a child becomes successful
बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाना - आत्मविश्वासी बच्चे जीवन के हर मुकाम पर सबसे अलग नजर आते हैं. आत्मविश्वास बच्चे को आगे बढ़ने का हौसला तो देता ही है, साथ ही किसी भी मुश्किल का हल निकालने का हुनर भी बच्चा सीख जाता है. आत्मविश्वासी बच्चे
(Confident Children)
अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं, नए-नए काम सीखते हैं और अक्सर ही प्रतिनिधित्व की जिम्मेदारी भी इन्हीं बच्चों को मिलती है. शुरूआत में छोटे-छोटे कामों का जिम्मा बच्चे को देकर पैरेंट्स उसका आत्मविश्वास बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा, बच्चे की सराहना करके भी उसका आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है.
अनुशासन लाना - बच्चे को अनुशासित करने का यह बिल्कुल भी अर्थ नहीं है कि उसके लिए बोर्डिंग स्कूल जैसा माहौल बना दिया जाए. बच्चे में अनुशासन लाने का मतलब होता है कि उसके उठने, पढ़ने और खेलने का एक समय चुना जाए. इससे बच्चे में काम को टालने की या फिर आलस की भावना नहीं आती है. इससे बच्चे अपने पढ़ाई के समय से समझौता नहीं करते और खेलकूद को भी पूरा समय देते हैं. इससे जीवन में बैलेंस बना रहता है. अनुशासन
(Discipline)
की आदत जिंदगी के अलग-अलग मोड़ पर बच्चे के काम आती है.
अच्छा रोल मॉडल (role model) बनना - बच्चे के पहले गुरु उसके माता-पिता ही होते हैं जिनसे बच्चा जिंदगी की छोटी-बड़ी कई बातें सीखता ही. इसीलिए पैरेंट्स का बच्चे के लिए एक अच्छा रोल मॉडल बनना बेहद जरूरी है. झूठ ना बोलना, सबका सम्मान करना, हार ना मानना, कोशिश करते रहना, अपनी वाणी पर संयम रखना, किसी को जानबूझकर दुख ना पहुंचाना, बेईमानी ना करना और मन में किसी के प्रति ईष्या या जलन ना लाना जीवन की कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें सिखाया नहीं जाता है बल्कि ये चीजें बच्चा अपने पैरेंट्स को देखकर सीखता है. जिंदगी में कामयाब सिर्फ वो व्यक्ति नहीं होता जिसने बहुत पैसा कमाया हो, बल्कि एक अच्छा इंसान भी कामयाब होता है.
बच्चा कह सके मन की बात - बच्चे की तरफ माता-पिता का रवैया (behavior) ऐसा होना चाहिए कि बच्चा अपने पैरेंट्स से अपने मन की बात कह सके. मन में किसी बात को दबाकर रखना, अंदर ही अंदर घुटन महसूस करना या फिर माता-पिता से कुछ भी छुपाना ऐसी चीजें हैं जो बच्चे को अंतर्मुखी बनाने लगती हैं. कई बार बच्चे मानसिक रूप से परेशान रहने लगते हैं और माता-पिता को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है. ऐसे में पैरेंट्स की कोशिश यही रहनी चाहिए कि वे बच्चे को ऐसा माहौल दें जिसमें वो अपने दिल की बात खुलकर अपने पैरेंट्स से कह सके.
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