Parenting पेरेंटिंग: बच्चे जैसे-जैसे बढ़ते हैं वो मां और घर से अल दुनिया एक्सप्लोर करते हैं। उनका मन बाहर दोस्तों के साथ ज्यादा लगता है। पढ़ाई पर फोकस कम होने लगता है। साथ ही वो पैसे खर्च करना सीख जाते हैं और मां की बातें सुनना नहीं चाहते। जब बच्चों का व्यवहार बाहरी दुनिया की तरफ ज्यादा आकर्षित होने लगे और घर में माता-पिता की बाद ना सुने तो जरूरी है कि उस पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। बच्चे बड़े होने के साथ ही जिद्दी होने लगते हैं। तो बच्चों को इस तरह से करना जरूरी है। handle
बच्चे की हर बात पर ना बोलें यस
बच्चे की हर डिमांड पर उसे हां बोलने की जरूरत नही है। बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए अक्सर रोने-चिल्लाने लगते हैं। लेकिन शांति उनके इस तरह के टैंट्रम को इग्नोर करना चाहिए। साथ ही बताना चाहिए कि अगर वो चिल्लाना बंद नहीं करेंगे तो बातें नहीं सुनी जाएंगी।
थोड़ी आजादी भी है जरूरी
बच्चे को हर बात पर नो बोलने से हो सकता है उसके मन में पैरेंट्स के लिए निगेटिव इमेज बन जाए। ऐसे में थोड़ी आजादी देनी भी जरूरी है। जैसे कि दोस्तों के साथ खेलना, बातें करना, आसपास घूमने की परमिशन देना। लेकिन साथ ही बच्चे के ऊपर नजर बनाकर रखना भी जरूरी है।
हर बात पर ना डांटे
बच्चे ने आकर अपनी गलती एक्सेप्ट की है और खुलकर बताया है कि तो उसे डांटने की बजाय शांति से सुनें। उस वक्त केवल ढांढस बंधाए। समझाने के प्रोसेस को बाद में पूरा करें। डांटे तो बिल्कुल नहीं। ऐसा करने से बच्चे आगे से कुछ ही नहीं बताते।
बच्चे से बहस ना करें
अगर आप बच्चे की बातों में उलझकर बहस करेंगी तो वो भी वहीं सीखेगा। इसलिए उसकी बातों पर कुछ शब्दों में ही रिएक्ट करें। इससे बच्चे को सीखने और समझने का मौका मिलेगा।
रोने-चिल्लाने से घबराकर हां ना बोलें
बच्चा रो रहा, चिल्ला रहा और हर बात पर आपसे बहस कर रहा तो next time से उसके ड्रामों से बचने के लिए हामी ना भरें। बच्चे को सुधारने की लगातार कोशिश करें। इस उम्र में समझा लेने के बाद बच्चा बड़ा होकर समझदार बन जाएगा। लेकिन कोशिश जारी रखनी होगी। उसे मैनर सिखाने की।
सजा ना देकर बोलना सिखाएं
बच्चे को हर गलती पर पनिश्मेंट ना दें। बल्कि उसे बोलने का मौका दें। इससे बच्चे का कम्यूनिकेशन स्किल बेहतर होगा और वो खुद को बेहतर तरीके से एक्सप्रेस कर पाएगा। जैसे कि बच्चा किसी बात की परमिशन मांग रहा तो उसे कहें कि वो अपनी बातों से मां को कन्वींस कर लें। ऐसे में बच्चे ज्यादा तरीके से खुद को एक्स्प्रेस करना सीखेंगे।