एक ही नहीं दूसरी डोज लेना भी जरूरी, कोविड वैक्‍सीन मे एक्सपर्ट से जानें इसका नुकसान

कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है।

Update: 2021-04-28 14:16 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क|  की दूसरी लहर के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है। हाल के दिनों में हर दिन 3 लाख से अधिक लोग कोविड से संक्रमित हो रहे हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार अब अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीनेट कराने के प्रयास कर रही है। देश के करोड़ों लोगों को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है और लाखों कतार में खड़े हैं।लेकिन जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है और अब उन्हें लगता है कि दूसरी डोज में देरी होने वे वायरस के जोखिम से खुद को सेफ रख सकते हैं। हालांकि, डॉक्टर उनकी इस सोच को बड़ी गलती यानी ब्लंडर करार दे रहे हैं।

दूसरी डोज में देरी करना ठीक नहीं हमारे सहयोगी Times of India को दिए इंटरव्यू में कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने बताया कि वैक्सीन कोरोना वायरस का सुरक्षा कवच है और यदि आपके पास इसकी दूसरी डोज लगवाने का मौका है तो इसे जरूर लें। संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ नितिन शिंदे ने कहा कि जिन्हें पहला डोज मिल चुका है उन्हें दूसरी डोज लेने में दो बार नहीं सोचना चाहिए।
शिंदे ने कहा, 'अगर आप एलिजिबल हैं तो मुझे नहीं लगता है दूसरी जेब लेने में देरी करना कोई अच्छा आइडिया है।' डॉक्टर ने ये भी सलाह दी कि जब भी वैक्सीन लगवाने के लिए जाते हैं तो अपनी प्रोटेक्शन किट जैस मास्क, सैनिटाइजर आदि साथ लेना न भूलें। कोविड में पैनिक होने की बजाए हर किसी को केंद्र की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।
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​वैक्सीन का सेकेंड डोज देता ये गारंटी प्रतिरक्षा और वैक्सीन अनुसंधान (immunization and vaccine research) के एक अधिकारी डॉ. संजय मराठे ने कहा, वैक्सीन के दूसरे शॉट में देरी करने से लोगों की इम्यूनिटी में कमी होगी। डॉक्टर ने कहा, 'मैं ऐसे लोगों की समस्या अच्छे से समझ सकता हूं, जबकोविड के मामले काफी अधिक हैं तो हर किसी को बाहर निकलने में संक्रमित होने का डर रहता है। लेकिन याद रखना कि वैक्सीन आपकी इम्यूनिटी को एक हेल्दी लेवल प्रोवाइड करती है जो वायरस से फाइट करने में मददगार है।'
डॉक्टर मराठे ने आगे कहा कि दूसरी डोज आपके वैक्सीनेशन शेड्यूल को पूरा करती है और आपको इस बात की भी गारंटी देती है कि भविष्य में आप कोविड इफेक्शन के सीरियस लेवल में नहीं पहुंचेंगे।
डॉ. शिशिर श्रीवास्तव जो अपने अस्पताल में कई कोविड -19 रोगियों (Covid-19 patients) का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने भी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज को बिना डिले किए हुए लेने पर जोर दिया है। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, वैक्सीनेशन हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का एक सबसे बढ़िया मौका है।
डॉक्टर के मुताबिक, 'हर्ड इम्यूनिटी (Herd immunity) हासिल करने के लिए हमें अपनी 70% आबादी में एंटी-बॉडीज विकसित करने की जरूरत है। ऐसे में एंटीबॉडीज को या तो वैक्सीनेशन के जरिए डवलप होती हैं या फिर इनफेक्शन के माध्यम से। मुझे यकीन है कि कोई भी समझदार व्यक्ति पुराने मेथड को फॉलो करना ज्यादा प्रिफर करेगा। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद यदि आप वायरस से संक्रमित भी होते हैं तो आपको हॉस्पिटल में भर्ती (Hospitalized) होने की आवश्यकता ना के बराबर या कहें शून्य होगी।'
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​वैक्सीनेशन सेंटर पर डबल मास्क पहनकर जाएं
कोविड -19 अस्पताल और टीकाकरण केंद्र को संचालित कर रहे डॉ. संदीप मोगरे ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए आने वाले लोगों को अपना ध्यान रखना चाहिए लेकिन टीको को 'खतरनाक' रूप में इंटरप्रिट नहीं करना चाहिए। ये वो समय है जब आपको यह समझना चाहिए कि हर कोई कोविड पॉजिटिव है और उचित देखरेख की जरूरत है। जब भी वैक्सीनेशन सेंटर पर जाते हैं तो एक डबल मास्क पहनें और फेस को कवर करें। वहीं जो लोग पहली डोज ले चुके हैं उन्हें दूसरा शॉट लेने में देरी करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।
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​1 मई से 18 साल से ऊपर सबको लगेगा टीका1-18-
आपको बता दें कि देश 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को लिए वैक्सीनेशन 1 मई से शुरू हो जाएगा। ऐसे में देश के हर बड़े डॉक्टरों का यही कहना है कि जो लोग एक बार वैक्सीन की डोज ले चुके हैं उन्हें दूसरी जेब को लेने में देरी नहीं करनी चाहिए और व्यापक टीकाकरण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन की पहली डोज के बाद दूसरी खुराक लेने में देर करने से संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।


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