नो स्मोकिंग डे 2022: आज धूम्रपान निषेध दिवस के मौके पर जानें धूम्रपान और तंबाकू छोड़ने के आयुर्वेदिक उपचार

देश-दुनिया और समाज में धूम्रपान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 'नो स्मोकिंग डे 2022' 9 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है.

Update: 2022-03-09 04:09 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश-दुनिया और समाज में धूम्रपान (Smoking) के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 'नो स्मोकिंग डे 2022' (No Smoking Day 2022) 9 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है. हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को यह दिवस आता है. 'धूम्रपान निषेध दिवस 2022' मनाने का उद्धेश्य लोगों को स्मोकिंग की बुरी आदतों से निजात दिलाना होता है. तंबाकू (Tobacco) एक हानिकारक पदार्थ है, जिसे चबाना या पीना कई तरह के रोगों को जन्म दे सकता है.

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तंबाकू सेवन से कैंसर (Cancer) के कारण हर साल पूरी दुनिया में लाखों लोगों की जान चली जाती है, इसलिए धूम्रपान से होने वाले नुकसानों के प्रति सचेत होना बेहद जरूरी है. हृदय से संबंधित बीमारियों (Heart Diseases) में इजाफा सबसे ज्यादा धूम्रपान सेवन की वजह से ही होता है.

धूम्रपान के कारण होने वाली बीमारियां
आशा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा कहती हैं कि धूम्रपान से आप घातक बीमारियों की चपेट में बहुत जल्दी आ जाते हैं. धूम्रपान एवं तंबाकू का सेवन शरीर को इसका आदी बना देता है. तंबाकू में निकोटिन होता है, जो आपके रक्त में प्रवाहित होता है और शरीर को इसकी लत लग जाती है. तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन मुंह के माध्यम से प्रवेश करके आपके फेफड़ों, हृदय, अमाशय और रक्त नलिकाओं में पहुंच कर भारी नुकसान पहुंचाता है.
तंबाकू सेवन से हृदय रोग हो सकते हैं.
यह फेफड़ों को खराब कर देती है, जिससे फेफड़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और वह बहुत जल्दी संक्रमित होने लगते हैं. इससे कैंसर होने की पूरी संभावना हो जाती है.
तंबाकू लिवर कैंसर की मुख्य वजह होती है.
तंबाकू से मुंह के कैंसर होने की पूरी संभावना होती है.
तंबाकू से इनफर्टिलिटी (मेल, फीमेल) होने की सबसे ज्यादा संभावना होती है. यदि पुरुष इसका सेवन करते हैं, तो वह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का शिकार हो जाते हैं.
महिलाएं यदि तंबाकू का सेवन करती हैं, तो उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है और वह निःसंतानता की शिकार हो जाती हैं.
तंबाकू डायबिटीज का खतरा बढ़ा देती है.
कोलन कैंसर भी तंबाकू के कारण हो सकता है.
तंबाकू ब्रेस्ट कैंसर की प्रमुख वजह है.
तंबाकू पुरुषों के शुक्राणुओं की गति और संख्या को कम कर देती है, जिससे वह नपुंसकता का शिकार हो जाते हैं. और उनके पिता बनने के सपने अधूर रह जाते हैं.
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धूम्रपान और तंबाकू छोड़ने के आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा कहती हैं कि तंबाकू और धूम्रपान के सेवन को छोड़ने का मन तो बहुत सारे लोगों का होता है, परंतु वह इस लत को इतनी आसानी से नही छोड़ पाते हैं, क्योंकि तंबाकू में पाया जाना वाला निकोटिन शरीर के रक्त में इस तरह से घुल जाता है कि शरीर को इसका आदी बना देता है. ऐसे में कुछ खास आयुर्वेदिक उपचार हैं, जो आपको तंबाकू छोड़ने में आपकी मदद करेंगे और आपको तंबाकू सेवन से दूर कर सकते हैं. सबसे पहले तो आपको अपनी इच्छा शक्ति में मजबूती लानी होगी, क्योंकि यदि आपकी ही इच्छा छोड़ने की नहीं होगी, तो यह उपाय उतने ज्यादा असरकारी नही होंगे.
आयुर्वेद के अनुसार, तंबाकू सेवन की लत से छुटकारा पाने के लिए अजवाइन के बीजों में नींबू का रस और काला नमक मिलाकर उसे दो दिन के लिए रख दें. इसके बाद आप उसका सेवन तभी करें, जब आपको तंबाकू सेवन का मन करें. यदि आप ऐसा एक से दो महीने तक करते हैं, तो धीरे-धीरे आपकी तंबाकू खाने की आदत छूट जाएगी.
तंबाकू छोड़ने की लत आपकी धीरे-धीरे ही समाप्त होगी. इसके लिए जब भी आपका तंबाकू खाने की इच्छा हो, तो तंबाकू की जगह आप बारीक सौंफ और मिश्री (देसी खांड) की बराबर मात्रा लेकर उसको धीरे-धीरे मुंह में रखकर चबाते रहें. ऐसा यदि आप एक या दो महीने करते हैं, तो आप तंबाकू, सिगरेट और गुटका से आसानी से छुटकारा पा लेंगे.


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