Blue Light on Skin: मोबाइल की ब्लू लाइट आपको वक्त से पहले बना रही है बूढ़ा जानिए कैसे
Blue Light on Skin त्वचा पर नीली रोशनी : इस डिजीटल युग में स्मार्टफोन और कंप्यूटर के इस्तेमाल के बिना काम चलाना लगभग नामुमकिन है। इसलिए हमारे दिन का बहुत बड़ा भाग हम इनके स्क्रीन के सामने बिताते हैं, जिससे ब्लू लाइट निकलती है। फोन, कंप्यूटर आदि की स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट से होने वाले नुकसानों में अक्सर हम आंखों की रोशनी कम होने, फोकस कम होना, गतिहीन जीवनशैली आदि के बारे में बात करते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि ज्यादा स्क्रीन टाइम, यानी स्मार्ट फोन या कंप्यूटर की स्क्रीन के सामने ज्यादा देर तक बैठे रहने से आपकी त्वचा को भी नुकसान (Side Effects of Blue Light on Skin) पहुंचता है।
जी हां, ब्लू लाइट (Blue Light) का असर आपकी त्वचा पर भी होता है, जिसके कारण स्किन डैमेज भी हो सकती है। हालांकि, इस बारे में काफी कम लोगों के पास जानकारी होती है और इसकी जानकारी के अभाव की वजह से हम अपनी स्किन को ब्लू लाइट से होने वाले नुकसानों (Harms of Blue Light) से बचाने में असमर्थ हो जाते हैं। इसलिए इस बारे में और जानने के लिए हमने डॉ. राधिका रहेजा (रेडिकल स्किन एंड हेयर क्लीनिक, फरीदाबाद में डर्माटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन) से बात की। आइए जानते हैं, इस बारे में उन्होंने क्या जानकारी दी।
क्या है ब्लू लाइट?
ब्लू लाइट को HEV लाइट के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो, यह सूरज की रोशनी से भी निकलता है, लेकिन स्मार्टफोन और कंप्यूटर की स्क्रीन से भी आर्टिफिशियल ब्लू लाइट निकलती है। यह स्किन के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है। ब्लू लाइट के संपर्क में आने से स्किन के सेल्स में बदलाव होने लगते हैं, जैसे सेल्स का सिकुड़ना या सेल्स का मरना शुरू कर देते हैं।
ब्लू लाइट से त्वचा को नुकसान
एजिंग- ब्लू लाइट के नुकसानों के बारे में बात करते हुए डॉ. रहेजा ने बताया कि ब्लू लाइट के कारण एजिंग की प्रक्रिया तेज हो जाती है। दरअसल, ब्लू लाइट स्किन की भीतरी सतह तक पहुंचती है, जिसकी वजह से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण सेल्स डैमेज होने लगते हैं, जिसे ऑक्सीडेटिव डैमेज कहा जाता है। इसके कारण कोलेजन और इलास्टिन फाइबर बनने कम होने लगते हैं, जिसकी वजह से त्वचा ढीली पड़ने लगती है और झुर्रियां, फाइन लाइन्स जैसी परेशानियां होने लगती हैं, जो प्रीमेच्योर एजिंग के लक्षण होते हैं।
पिग्मेंटेशन- ब्लू लाइट की वजह से मेलानिन का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। ऐसा स्किन खुद को सुरक्षित रखने के लिए करती है, लेकिन ज्यादा मेलानिन बनने की वजह से हाइपरपिग्मेंटेशन, डार्क स्पॉट्स और असमान रंगत की समस्या भी हो सकती है। डार्क स्किन टोन के लोगों के साथ हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है।
बैरियर डैमेज- ब्लू लाइट की वजह से स्किन बैरियर डैमेज होने लगता है, जिसके कारण स्किन ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है, सूजन, ड्राईनेस, नए सेल्स कम बनना, एक्ने और मेलाज्मा जैसी समस्या हो सकती है।
स्किन की सतह कमजोर- ब्लू लाइट की वजह से स्किन की ऊपरी सतह भी कमजोर होने लगती है।
ब्लू लाइट से स्किन की रक्षा कैसे करें?
ब्लू लाइट स्क्रीन प्रोटेक्टर- अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर की स्क्रीन पर ब्लू लाइट स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करें। इससे इनसे निकलने वाली ब्लू लाइट कम होती है।
नाइट मोड- अपने फोन और टैबलेट की सेटिंग्स में जाकर नाइट मोड ऑन करें। इससे स्क्रीन से येल्लो लाइट ज्यादा निकलती है और ब्लू लाइट कम निकलती है।
पोलराइज्ड सनग्लासेज- अपनी आंखों को ब्लू लाइट से बचाने के लिए पोलराइज्ड सनग्लासेज का इस्तेमाल करें। इससे ब्लू लाइट का प्रभाव आंखों पर नहीं पड़ेगा।
सनस्क्रीन- ब्लू लाइट से बचने के लिए SPF 50 और PA++++ वाला सनस्क्रीन चुनें। इससे ब्लू लाइट स्किन के भीतरी सतह तक नहीं जा पाती।
एंटी-ऑक्सीडेंट्स- अपने स्किन केयर प्रोडक्ट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट्स को शामिल करें, जैसे विटामिन-सी। इसके साथ ही, अपनी डाइट में भी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स को खाएं।
दूरी बनाएं- अपने फोन और कंप्यूटर को कम से कम एक हाथ की दूरी पर चलाएं। इसे चेहरे के ज्यादा पास न लाएं। इससे आंखों और त्वचा दोनों को कम नुकसान पहुंचेगा।