एलर्जी के लिए बच्चों को गाय के दूध से ज्यादा पोषण देता है ये मिल्क
एलर्जी के लिए बच्चों को गाय के दूध से ज्यादा पोषण देता है ये मिल्क
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कई मांएं अपने छोटे से शिशु को फॉर्मूला मिल्क नहीं देना चाहती हैं। शिशु गाय के दूध को आसानी से पचा नहीं पाते हैं जबकि कुछ बच्चों को इससे एलर्जी ही होती है। ऐसी स्थिति में मांओं को समझ ही नहीं आ पाता है कि बच्चे के सुबह के नाश्ते में कौन-सा दूध इस्तेमाल करें या रात को सोने से पहले कौन-सा दूध पिलाएं।
कुछ पेरेंट्स बादाम का दूध या सोया मिल्क भी देते हैं लेकिन यहां भी दिक्कत रहती है कि कहीं बच्चे को इससे भी तो एलर्जी नहीं है। ऐसे में आप अपने बच्चे को राइस मिल्क दे सकती हैं। जी हां, अगर बच्चे को आप फॉर्मूला मिल्क नहीं देना चाहती हैं और उसे बाकी मिल्क टाइप से एलर्जी है तो आप उसे राइस मिल्क भी दे सकती हैं। आइए जानते हैं बच्चों के लिए राइस मिल्क के फायदे-नुकसानों के बारे में।
क्या है राइस मिल्क
चावल के दानों से जो दूध निकाला जाता है, उसे राइस मिल्क कहते हैं। राइस मिल्क का स्वाद नैचुरली मीठा होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होता है। जिन बच्चों को दूध से एलर्जी है, उनके लिए भी राइस मिल्क बेहतर रहता है।
हालांकि, एक साल से कम उम्र के शिशु को राइस मिल्क नहीं देना चाहिए। ब्रेस्टमिल्क या फॉर्मूला मिल्क पीने वाले बच्चों को राइस मिल्क नहीं देना चाहिए। इस मिल्क से एलर्जी कम ही होती है और यह प्लांट बेस्ड मिल्क है।
राइस मिल्क पीने के फायदे
राइस मिल्क लैक्टोज फ्री होता है इसलिए इससे बच्चों को एलर्जी होने की संभावना कम ही रहती है। जिन बच्चों को दूध से एलर्जी होती है, वो भी इस मिल्क को पी सकते हैं।
यह दूध का वेगन स्रोत है और इसमें बिल्कुल भी कोलेस्ट्रोल नहीं होता है। यह नॉन-फैटी मिल्क का बेहतरीन विकल्प है।
बच्चों में दस्त के इलाज के लिए यह बढिया उपाया है क्योंकि दस्त होने पर डेयरी उत्पाद नहीं दिए जा सकते हैं। इसे बच्चे का छोटा-सा पेट आसानी से पचा लेता है।
कैसे बनाएं राइस मिल्क
आप स्मूदी, कॉर्न फ्लेक्स या बेकिंग आदि में राइस मिल्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप घर पर भी राइस मिल्क बना सकती हैं। इसके लिए आपको एक कप पके हुए ब्राउन राइस, 4 कप पानी, एक चम्मच शहद, आधा चम्मच वनीला और एक चुटकी नमक चाहिए होगा।
ब्राउन राइस को नमक डालकर पकाने के बाद उसमें चावल, वनीला और शहद डालें। इसे अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें जब तक कि पानी सफेद दिखने लगे। इस पानी को मस्लिन के कपड़े या छन्नी से छान लें। जो पानी निकला है, वही राइस मिल्क है। आप इसे फ्रिज में स्टोर कर के रख सकती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
राइस मिल्क में प्रोटीन नहीं होता है इसलिए गाय के दूध की जगह इसे नहीं लिया जा सकता है। राइस मिल्क में मौजूद आर्सेनिक से शिशु के मस्तिष्क के विकास को नुकसान पहुंच सकता है।
राइस मिल्क में नमक, पानी, ऑयल और चावल होते हैं लेकिन इसमें आयरन या खनिज पदार्थ जैसे पोषक तत्व नहीं होते हैं।