व्रत में बनाएं फलाहारी थालीपीठ, जानें रेसिपी
फलाहारी थालीपीठ बनाने के लिए साबूदाना, उबले आलू, मूंगफली और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग किया जाता है. आप चाहे तो सिंघाड़े के आटे के बजाय कुट्टू के आटे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. हमारी बताई रेसिपी को फॉलो कर आप बेहद कम वक्त में ही स्वादिष्ट फलाहारी थालीपीठ बना सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। थालीपीठ (Thalipeeth) महाराष्ट्र की फेमस फूड डिश है. ये काफी स्वादिष्ट होने के साथ ही बनाने में भी आसान है. आज हम आपको उपवास में खाए जाने वाले फलाहारी थालीपीठ (Falahari Thalipeeth) को बनाने की रेसिपी बताने जा रहे हैं. ये रेसिपी बनाने में काफी आसान है और व्रत के दिन इसे खाने से दिनभर पेट भरा सा महसूस होता है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है. महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर अगर आप व्रत रख रहे हैं और पारंपरिक फलाहार से हटकर कुछ अलग बनाकर खाना चाहते हैं तो फलाहारी थालीपीठ एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
फलाहारी थालीपीठ बनाने के लिए साबूदाना, उबले आलू, मूंगफली और सिंघाड़े के आटे का प्रयोग किया जाता है. आप चाहे तो सिंघाड़े के आटे के बजाय कुट्टू के आटे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. हमारी बताई रेसिपी को फॉलो कर आप बेहद कम वक्त में ही स्वादिष्ट फलाहारी थालीपीठ बना सकते हैं.
फलाहारी थालीपीठ के लिए सामग्री
साबूदाना – 1/2 कप
आलू उबले – 2
सिंघाड़े का आटा – 1/3 कप
मूंगफली दाने भुने – 1/2 कप
हरी मिर्च कटी – 5
सेंधा नमक – स्वादानुसार
हरा धनिया कटा – 2 टेबलस्पून
नींबू रस – 2 टी स्पून
तेल
फलाहारी थालीपीठ बनाने की विधि
फलाहारी थालीपीठ बनाने के लिए सबसे पहले साबूदाने साफ कर उन्हें पानी में 2 से 3 घंटे के लिए भिगोकर रख दें. जब साबूदाने फूलकर मुलायम हो जाएं तो उन्हें पहले छान लें जिससे उनमें मौजूद अतिरिक्त पानी निकल जाए. अब उबले आलू के छिलके निकालकर एक बर्तन में उन्हें अच्छी तरह से मैश कर लें. अब इनमें कटी हरी मिर्च, दरदरी कुटी भूनी मूंगफली और साबूदाना डालकर मिश्रण को अच्छी तरह से मिक्स कर दें.
इसके बाद इस मिश्रण में सिंघाड़े का आटा, हरा धनिया और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छे से मिला दें. फिर इस मिश्रण में नींबू का रस डालकर एक बार फिर इसे अच्छे से मिक्स कर दें. इसके बाद मिश्रण को समान अनुपात में बांटकर उनकी लोई तैयार कर लें.
अब एक नॉनस्टिक पैन/तवा लें और उसे मीडियम आंच पर गर्म करने के लिए रख दें. इस दौरान मिश्रण से तैयार एक लोई लेकर उसे सूखे सिंघाड़े के आटे में लपेटकर बेल लें. ध्यान रखें इसे ज्यादा पतला नहीं बेलना है. जब तवा गर्म हो जाए तो थोड़ा सा तेल लगाकर उसे चिकना कर लें और उसमें थालीपीठ डाल दें और सेकें. थोड़ी देर बाद थालीपीठ को पलट कर दूसरी ओर भी तेल लगाकर सेकें. इस दौरान आंच धीमी रखें. दोनों ओर से जब थालीपीठ सिककर जब सुनहरा हो जाए तो उसे एक प्लेट में निकाल लें.
इसी तरह एक-एक लोई लेकर उनके थालीपीठ तैयार कर सेंक लें. इस तरह उपवास के दौरान खाया जाने वाला फलाहारी थालीपीठ बनकर तैयार हो चुका है. इसे दही के साथ गर्मागर्म सर्व किया जा सकता है.