शुगर कंट्रोल करने में कारगर हैं कमल ककड़ी, रोजाना ऐसे करें सेवन
कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है। संस्कृत में इसे पद्म, पंकज, सरोज आदि नाम से जाना जाता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है। संस्कृत में इसे पद्म, पंकज, सरोज आदि नाम से जाना जाता है। फ़ारसी में नीलोफर और अंग्रेजी में लोटस कहा जाता है। कमल उष्णकटिबंधीय देशों में पाया जाता है। यह भारत समेत चीन और पर्शिया में पाया जाता है। इसके फूल गुलाबी रंग के होते हैं। जबकि, पत्ते हरे होते हैं। कमल का विज्ञान और धार्मिक जगत में विशेष महत्व है। भगवान श्रीहरि विष्णु को कमल का फूल अर्पित किया जाता है। वहीं, आयुर्वेद में कमल को औषधि माना जाता है।
इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। खासकर कमल के पौधे की जड़ मधुमेह और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए रामबाण दवा है। कमल के पौधे के जड़ का सेवन करने से मधुमेह कंट्रोल में रहता है। कई शोधों में इसका खुलासा हो चुका है कि मधुमेह के मरीजों को कमल ककड़ी का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल शुगर कंट्रोल में रहता है। साथ ही बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो कमल ककड़ी का सेवन करें। आइए, इसके बारे में सब कुछ जानते हैं-
jprsolutions.infoपर छपी एक शोध में कमल ककड़ी पर विचार विमर्श किया गया है। इस शोध में कमल ककड़ी को दवा का बताया गया है। इसके सेवन से पीलिया, कैंसर, बैड कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह में ज्यादा कारगर साबित होता है। यह शोध चूहों पर किया गया था। इस शोध में चूहों को डाइट में कमल ककड़ी दिया गया है। इस शोध का परिणाम संतोषजनक रहा है। इस शोध में कमल ककड़ी के सेवन से शुगर लेवल कम देखा गया है।
हालांकि, इस विषय पर विषय अन्य शोध की भी जरूरत है अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर कमल ककड़ी का सेवन कर सकते हैं। आप चाहे तो कमल ककड़ी के चूर्ण को रोजाना सुबह में दूध या पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।