क्या आप जानते हैं हर मूड के लिए अलग-अलग खाद्य पदार्थ हैं? जैसे-प्रोटीन की अधिकतावाली चीज़ें खाने से मस्तिष्क की सजगता (अलर्टनेस) बढ़ती है. मछली, अंडे, लो फ़ैट कॉटेज चीज़, मलाई उतारा हुआ दूध, दही, मटर और सेम में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है. वहीं कार्बोहाइड्रेट की अधिकता वाली चीज़ें मस्तिष्क की गतिविधि में थोड़ी शिथिलता लाती हैं. खाने की ऐसी चीज़ें हैं: शक्कर, ब्रेड, केक, चावल, आलू, पास्ता आदि. सजगता लाने वाली अन्य चीज़ें हैं सेब, अंगूर का जूस, एवोकाडो आदि. इनमें बोरोन की अधिक मात्रा होती है. बोरोन याददाश्त को बढ़ाता (अल्प काल के लिए) है. इसके अलावा नींबू की ख़ुशबू भी मस्तिष्क को सजग रखती है.
ऊर्जावान महसूस करने के लिए
ख़ुद को ऊर्जावान महसूस करने के लिए संतरा, सेब, सोया मिल्क और दही खाया जा सकता है. इनमें धीमी गति से पचने वाले कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करते हैं. शरीर को स्फूर्ति प्रदान करने वाली चीज़ों में सूरजमुखी के बीज भी अहम् हैं. सूरजमुखी के थोड़े से बीजों से ही शरीर को रोज़ाना के लिए आवश्यक मैग्नीशियम की आधी मात्रा मिल जाती है.’’
सजग मूड के लिए
वैदेही का कहना है,‘‘यदि सुबह कोई प्रेजेंटेशन या परीक्षा है तो दूध और अंडे से बने खाद्य पदार्थ खा कर जाएं, क्योंकि इनमें कोलिन की अधिक मात्रा होती है. वयस्क लोगों पर किए एक शोध में यह सिद्ध हुआ है कि वे कोलिन की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ खाने के बाद दिए गए मेमोरी टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करते हैं.
ख़ुशगवार मूड के लिए
ख़ुशी के मूड के लिए केला खाया जा सकता है. केले में विटामिन बी 6 होता है, जो सेराटोनन लेवल को बढ़ाता है. सेराटोनन एक ऐसा न्यूरोट्रान्समीटर है, जो मूड को ख़ुशगवार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.’’
सेक्सी मूड के लिए
सेक्सी मूड यानी मूड को थोड़ा रूमानी बनाने के लिए नट्स और तिल के बीज महत्वपूर्ण होते हैं. नट्स और तिल के बीज में एल-आर्जिनिन नामक अमीनो एसिड पाया जाता है, जो शरीर में रक्तसंचार को बढ़ाता है, ख़ासकर जननांगों के आसपास. अंडे और मीट में भी कुछ मात्रा में एल-आर्जिनिन पाया जाता है. और हां, जब बात रोमैंटिक मूड बनाने की चल निकली है तो हम चॉकलेट्स को कैसे भूल सकते हैं! चॉकलेट खाने के बाद मस्तिष्क में आनंद का एहसास कराने वाले हार्मोन्स एन्डॉर्फ़िन हार्मोन्स की मात्रा बढ़ती है. इसके अलावा इसमें फ़िनाइलइथाइलअमाइन भी होता है, जो की उत्तेजना पैदा करता है.
यह भी जानें: मूड को प्रभावित करती है खाने की मात्रा
खाने की मात्रा का मूड पर सीधा प्रभाव पड़ता है, इसका कारण पूर्णत: वैज्ञानिक है. अधिक खाने पर दिमाग़ की गतिविधि कुछ समय के लिए सुस्त पड़ जाती है, ख़ासकर वसा की अधिकता वाले पदार्थ खाने पर. ऐसा वसा के कारण भोजन के अवशोषित होने की प्रक्रिया (पाचन) में होने वाली देरी के चलते होता है. भोजन के पाचन के दौरान आमाशय में रक्तसंचार की मात्रा अधिक होती है, जिसके चलते मस्तिष्क में रक्तसंचार की मात्रा में कमी आती है. कम रक्त संचार की वजह से मस्तिष्क के काम करने की गति धीमी पड़ जाती है. हमें उनींदेपन व आलस्य का अनुभव होता है और किसी काम में मन नहीं लगता.