Lifestyle: AC में भी पसीना-पसीना हो जाते हैं आप, इन 5 बीमारियों का हो सकता है संकेत

Update: 2024-06-24 08:19 GMT
Lifestyle: हद से ज्यादा गर्मी में लोग पसीना-पसीना हो जाते हैं. पसीना हमारे शरीर के टेंपरेचर को मेंटेन करने के लिए जरूरी होता है. हालांकि कई लोग पसीने से काफी परेशान रहते हैं. उनकी शिकायत होती है कि जरा सी गर्मी में वे पसीने से भीग जाते हैं और पंखा-कूलर तो छोड़िए एसी चलाने के बाद भी पसीने से निजात नहीं मिल पाती है. अधिकतर मामलों में पसीना आना नॉर्मल माना जाता है, लेकिन कमरे का तापमान सामान्य हो, फिर भी कोई पसीने से भीग रहा है, तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. ऐसी कंडीशन में लोगों को डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए. वेबएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक टेंपरेचर या फिजिकल एक्टिविटी की वजह से पसीना आता है, तो यह नॉर्मल माना जाता है. यह एक नेचुरल प्रोसेस है, जिससे बॉडी का कोर टेंपरेचर मेंटेन होता है. हालांकि किसी को बिना किसी वजह के हद से ज्यादा पसीना आ रहा है, तो यह किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है. अत्यधिक पसीना आना बुखार, डायबिटीज, इंफेक्शन, 
hyperthyroidism, leukemia,
 लिम्फोमा, मलेरिया, मेनोपॉज, न्यूरोलॉजिकल डिजीज जैसी गंभीर परेशानियों का संकेत हो सकता है. जांच के बाद इसके सटीक कारणों का पता लगाया जा सकता है
.सिर्फ बीमारियों की वजह से ही ज्यादा पसीना नहीं आता है, बल्कि इसके कई और कारण भी हो सकते हैं. कुछ दवाएं भी ज्यादा पसीना का कारण बन सकती हैं. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली दवाएं (बीटा ब्लॉकर्स) और एंटी-डिप्रेशन दवाएं लेने की वजह से भी ज्यादा पसीने की समस्या पैदा हो सकती है. इतना ही नहीं, कई बार आपके कपड़े भी ज्यादा पसीना की वजह बन सकते हैं. इसलिए पसीना ज्यादा आए, तो टेंशन लेने के
बजाय डॉक्टर से
मिलना चाहिए. डॉक्टर आपके हेल्थ चेकअप के बाद इसके सही कारण का पता लगा कई बार आपके दिमाग में यह सवाल आता होगा कि पसीना आता क्यों है? आखिर हमारे शरीर को इससे क्या फायदा होता है? आपको बता दें कि पसीना हमारे शरीर के कोर टेंपरेचर को कंट्रोल करने के लिए जरूरी होता है. जब तापमान ज्यादा हो जाता है, तब पसीना हमारी स्किन पर निकलने लगता है और बॉडी को ठंडा करने में मदद करता है. इससे बॉडी का कोर टेंपरेचर नहीं बढ़ता है और सेहत दुरुस्त बनी रहती है. अगर पसीना न आए और शरीर का कोर टेंपरेचर बढ़ जाए, तो हीटस्ट्रोक हो सकता है और लोगों की मौत हो सकती है.

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