चलिए जानते हैं. कि मानसून के मौसम में बुखार आने पर कौन से टेस्ट करवाने चाहिए.
मानसून के मौसम में बुखार
जनता से रिश्ता वेब डेस्क। मानसून में ज्यादातर लोग बुखार की समस्या से परेशान रहते हैं. इस मौसम में लोगों को सर्दी खांसी और जुकाम के के साथ बुखार का भी सामना करना पड़ता है. वैसे तो ये समस्याएं हेल्दी डाइट लेकर ही ठीक हो जाती हैं लेकिन कई बार बुखार लंबे समय तक रह सकता है. ऐसे में अगर आपको भी मानसून में लंबे समय से बुखार आ रहा है तो इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें. बल्कि ऐसे में आप कुछ टेस्ट करवाएं.चलिए हम यहां आपको बताएंगे कि आपको मानसून के मौसम में बुखार आने पर कौन से टेसट करवाने चाहिए. चलिए जानते हैं.
मानसून में बुखार आने पर करवाएं ये टेस्ट-
मलेरिया
मलेरिया मानसून में होने वाली एक आम बीमारी है. यह बीमारी मादा मच्छर के काटने से फैलती है. यह मच्छर रुके हुए पानी में पाया जाता है. अगर आपको बुखार के साथ ही ठंड लगना, कंपकंपी होना, पसीने निकलना और शरीर में दर्द होने जैसे लक्षण नजर आते हैं तो एक बरा मलेरिया टेस्ट जरूर करवाएं. बता दें मलेरिया का पता लगाने के लिए रैपिट एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट किया जाता है.
टाइफाइड
टाइफाइड मानसून में होने वाली एक आम बीमारी है. यह बीमारी दूषित भोजन और पानी का सेवन करने से फैलती है. टाइफाइड में दिन के समय बुखार तेज रहता है वहीं सुबह के समय शरीर का तापमान कम हो जाता है.अगर आपको बुखार के साथ ही दस्त ,पेट में दर्द और सिरदर्द भी हो तो ऐसे में टाइफाइड का टेस्ट जरूर कराएं.
डेंगू
डेंगू एक वायरस संक्रमण है जो मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है.मासून में डेंगू बुखार का सामना अधिकतर लोगों को करना पड़ता है. अगर आपको तेज बुखार के साथ ही सिरदर्द ,स्किन रैशेज, आंखों के पीछे दर्द और शरीर में दर्द हो तो इस दौरान डेंगू का टेस्ट जरूर करवाएं.