आइये जाने, पालक किस तरह हमारे स्वास्थ्य और शरीर पर असर डालता

स्वास्थ्य और शरीर पर असर डालता

Update: 2023-09-03 12:47 GMT
पालक लगभग हमेशा मिलने वाली सब्जी है। पत्तेदार सब्जी से मिलने वाले फायदों के कारण इन्हे खाने की सलाह हमेशा दी जाती है। पालक में जो गुण पाए जाते हैं, वे सामान्यतः अन्य शाक-भाजी में नहीं होते। यही कारण है कि पालक स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है, सर्वसुलभ एवं सस्ता है। पालक की पत्तियों में शारीरिक विकास के लिए आवश्यक लगभग सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। मिनरल्स, विटामिन और दूसरे कई न्यूट्रीएंट्स से भरपूर पालक एक सुपर-फूड है। नियमित रूप से पालक का उपयोग लाभदायक होता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी बहुत से खनिज और विटामिन पालक से प्राप्त हो सकते हैं। आइये जानते हैं पालक किस तरह हमारे स्वास्थ्य और शरीर पर असर डालता हैं।
 हड्डी तथा दांत :
पालक में विटामिन k की भरपूर मात्रा होती है। यह विटामिन कैल्शियम के अवशोषण को सुधारता है तथा पेशाब के माध्यम से निकलने वाले कैल्शियम को रोकता है। इस प्रकार हड्डी को मजबूत बनाये रखने में सहायक होता है। विटामिन K के अलावा पालक से मिलने वाले मेगनीज, कॉपर , मेग्नेशियम , ज़िंक तथा फास्फोरस आदि तत्व हड्डियों की मजबूती में योगदान देते हैं। ये तत्व दांत और नाख़ून भी मजबूत बनाते हैं।
खून की कमी दूर करें :
पालक में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है और इसमें मौजूद आयरन शरीर आसानी से सोख लेता है। इसलिए पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है।
 पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के लिए :
पाचन क्रिया के लिए पालक का जूस पीने की सलाह दी जाती है। ये शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार है। इसके अलावा अगर आपको कब्ज की समस्या है तो भी पालक का जूस आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
आँखों के लिए :
पालक से मिलने वाले बीटा केरोटीन तथा ल्यूटेन आँखों के लिए फायदेमंद है। ऑंखें सूखी-सूखी रहती हों, आँखों में जलन होती हो तो पालक नियमित खाने से लाभ होता है। पालक में सूजन और जलन दूर करने का गुण होता है। इसके अलावा पालक में पाए जाने वाले तत्व उम्र बढ़ने पर मैक्युला को ख़राब होने से बचाने में जरुरी भूमिका अदा करते हैं।
मधुमेह में लाभदायक :
पालक को आप कैसे भी खाएं यह उन रोगियों के सेहत भरा होता है जो मधुमेह से जूझ रहे है क्योंकि इसमें केलोरी कम होती है जिसकी वजह से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही इसमें कुछ ऐसे तत्व होते है जो रोगी के रक्त में ग्लोकोज की मात्रा को नियमित कर देते है।
 गर्भावस्था में पालक :
पालक में वे सभी खनिज और विटामिन होते है जिनकी गर्भावस्था में जरूरत होती है। विशेष कर फोलेट Palak में बहुतायत में होता है। यह खून की कमी नहीं होने देता , समय से पूर्व प्रसव से बचाता है। इसके अलावा फोलेट शारीरिक और मानसिक थकान, भूख में कमी तथा डिप्रेशन आदि दूर करता है। पालक से मिलने वाले बीटा केरोटीन तथा विटामिन A शिशु के फेफड़ों के विकास में तथा शिशु के वजन को संतुलित बनाये रखने में सहायक होते है।
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