एक्सपर्ट्स से जानें, डायबिटीज कंट्रोल करने का सही तरीका

017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 72.9 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। हालांकि यह लाइफस्टाइल से संबंधी डिसऑर्डर हाल के दिनों में सभी आयु वर्ग के लोगों में बढ़ा है लेकिन युवा आबादी में इसकी घटनाओं में 10% तक की ज्यादा वृद्धि देखी गयी है।

Update: 2021-11-14 12:02 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डायबिटीज के मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से रोजाना इजाफा हो रहा है। खासकर भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। इसके लिए भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाता है। यह बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। एक बार डायबिटीज हो जाने के बाद ताउम्र साथ रहती है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही चीनी युक्त चीजों से परहेज करनी चाहिए। आइए, एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि डायबिटीज के मुख्य कारण क्या है और कैसे बचाव करें -

पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम के एंडोक्रिनोलॉजी- सीनियर कंसल्टेंट आशुतोष गोयल ने डायबिटीज की समस्या पर अपनी राय रखते हुए कहा, "इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 72.9 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। हालांकि यह लाइफस्टाइल से संबंधी डिसऑर्डर हाल के दिनों में सभी आयु वर्ग के लोगों में बढ़ा है, लेकिन युवा आबादी में इसकी घटनाओं में 10% तक की ज्यादा वृद्धि देखी गयी है।
पिछले साल डॉक्टरों ने अपने ओपीडी में युवा मरीजों (30 से 50 साल वाले) की संख्या में वृद्धि देखी है। भारत में युवा आबादी में डायबिटीज के तेजी से बढ़ने का कारण मुख्य रूप से लाइफस्टाइल में हुआ हानिकारक बदलाव है, इन लाइफस्टाइल बदलावों में खानपान पैटर्न में बदलाव, शरीर के वजन में बढ़ोत्तरी, और शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहना शामिल है। इसके अलावा देर से निदान कराना भी डायबिटीज मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए बहुत बड़ा कारण है। यह भी देखा गया है कि डायबिटीज से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा पीड़ित है।"
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल के डायरेक्टर तथा फाउंडर डॉ शुचिन बजाज ने डायबिटीज पर अपनी राय रखते हुए कहा, "डायबिटीज की समस्या खतरनाक रूप से बढ़ रही है, अधिकांश डायबिटीज मरीजो को पता ही नहीं है कि उन्हें डायबिटीज हैं। इसलिए हम ऐसे मरीजों में डायबिटीज का पता लगाने के लिए बहुत सारे आउटरीच कैम्प और ग्रामीण आउटरीच क्लीनिक का आयोजन करते हैं और हम हर दिन लगभग 10 नए डायबिटीज मरीजों का निदान करते हैं जिन्हें पता नहीं है कि वे डायबिटीज मरीज हैं। उनमें से अधिकांश टाइप II डायबिटीज से पीड़ित हैं।
यह डायबिटीज सामान्य लाइफस्टाइल की बीमारी है जो भारत को डायबिटीज की दुनिया की राजधानी बना रही है। गर्भावस्था के दौरान प्रीडायबिटीज और डायबिटीज के मामलों में भी वृद्धि हुई है, जिसे गर्भावधि (गेस्टेशनल) डायबिटीज के रूप में जाना जाता है। लाइफस्टाइल में बदलाव भारत में डायबिटीज को कम करने का एकमात्र सबसे प्रभावी तरीका है। स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखना; कम से कम 30 मिनट की नियमित, मध्यम-तीव्रता वाली एक्सरसाइज करके शारीरिक रूप से सक्रिय रहना; कम चीनी और सैचुरेटेड फैट से स्वस्थ खानपान; और तंबाकू तथा शराब से परहेज करने पर डायबिटीज होने के खतरे को कम किया जा सकता है।"


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